और बढ़ेंगी लालू यादव की मुश्किलें: जेल के बाद जब्त हो सकती है संपत्ति, अदालत ने दे दिया है बड़ा आदेश

और बढ़ेंगी लालू यादव की मुश्किलें: जेल के बाद जब्त हो सकती है संपत्ति, अदालत ने दे दिया है बड़ा आदेश

RANCHI: चारा घोटाले के पांचवे मामले में सजा पा चुके लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं. उनकी संपत्ति भी जब्त की जा सकती है. लालू यादव समेत 75 अभियुक्तों को सजा सुनाने वाली कोर्ट ने बडा फैसला ले दिया है, जिससे लालू परेशानी में पड़ते नजर आ रहे हैं।


ईडी करेगी संपत्ति की जांच

दरअसल लालू प्रसाद समेत चारा घोटाले मामले के सारे दोषियों पर अब प्रवर्तन निदेशालय यानि ईडी का शिकंजा भी कसेगा. डोरंडा कोषागार से 139 करोड़ रुपये की अवैध निकासी के जिस केस में सोमवार को लालू यादव समेत 75 अभियुक्तों को सजा सुनायी गयी थी उस केस को ईडी टेकओवर करने जा रहा है. लालू यादव सहित सभी दोषियों औऱ इस केस की सुनवाई के दौरान मर गये अभियुक्तों खिलाफ मनी लौंड्रिंग अधिनियम में केस दर्ज होगा और उनकी संपत्ति की जांच की जायेगी. सीबीआइ कोर्ट के जज सुधांशु कुमार शशि ने डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी के मामले में सजा का एलान करते हुए ईडी को जांच का आदेश दिया था. बता दें कि अदालत ने लालू प्रसाद को पांच साल का सश्रम कारावास और 60 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था.


मृत लोगों की संपत्ति भी जांची जायेगी

चारा घोटाले की सुनवाई करने वाली सीबीआई कोर्ट ने ये भी कहा है कि सजा पा चुके दोषियो की ही नहीं बल्कि वैसे अभियुक्त जिनकी ट्रायल के दौरान मौत हो चुकी है, उनके खिलाफ भी मनी लौंड्रिंग एक्ट के तहत जांच की सकती है. जांच में अगर ये पाया जाता है कि चारा घोटाले के पैसे से अवैध संपत्ति अर्जित की गयी तो ईडी कानून सम्मत कार्रवाई करते हुए अवैध तरीके से अर्जित की गई चल-अचल संपत्ति को जब्त कर सकती है. 


हम आपको बता दें कि चारा घोटाले का ये तीसरा केस है, जिसमें कोर्ट ने ईडी को जांच करने को कहा है. इससे पहले दुमका कोषागार से अवैध निकासी से संबंधित दो केस के फैसले में भी कोर्ट ने ईडी को जांच का आदेश दिया था. ईडी ने उन केस को टेकओवर कर जांच शुरू किया है. दुमका कोषागार से चारा के नाम पर 3.76 करोड़ की अवैध निकासी के मामले में लालू यादव समेत 19 अभियुक्तों को सजा दी गयी थी. सजा सुनाने के दौरान कोर्ट ने सजा पाने वाले दोषियों के साथ साथ 13 मृत अभियुक्तों के खिलाफ भी मनी लौंडिंग एक्ट के तहत जांच करने औऱ 1990 के बाद अर्जित संपत्ति को जब्त करने का आदेश दिया था.