18 फरवरी को तय होगा बिहार महागठबंधन का भविष्य, बैठक के बाद मांझी बोले- एकजुट होना जरुरी

18 फरवरी को तय होगा बिहार महागठबंधन का भविष्य, बैठक के बाद मांझी बोले- एकजुट होना जरुरी

PATNA :आरजेडी और कांग्रेस से अलग महागठबंधन दलों के नेताओं की हुई बैठक के बाद जीतन राम मांझी ने एलान कर दिया है कि 18 फरवरी को सब कुछ साफ हो जाएगा। महागठबंधन का नेतृत्व कौन करेगा। शरद यादव के नेतृत्व में शुक्रवार को महागठबंधन की बैठक हुई। इसमें रालोसपा अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा, हिंदुस्तान आवाम मोर्चा के अध्यक्ष जीतनराम मांझी और वीआईपी अध्यक्ष मुकेश सहनी शामिल हुए। इस बैठक में कांग्रेस  की तरफ से कोई प्रतिनिधि नहीं पहुंचा।महागठबंधन की तरफ से मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित करने को लेकर चर्चा हुई।


जीतनराम मांझी ने बैठक के बाद कहा कि  बैठक काफी महत्वपूर्ण थी इस की आवश्यकता बहुत पहले से थी।सब लोग अलग अलग कुछ बोलते रहते है।इस लिए आज की बैठक महत्वपूर्ण है ।हम सब लोग एनडीए को हराने के लिए एकजुट होकर लड़ेंगे तभी ही उसे हरा पाएंगे। उन्होनें कहा कि झारखंड में जिस तरह से महागठबंधन एकजुट होकर लड़ा और जीत हासिल की वहीं अगर दिल्ली में भी होता तो नतीजे कुछ और होते।दिल्ली में सभी लोग अलग अलग लड़े तो हार गए ।आज की बैठक में जो भी निर्णय हुआ है वह 18 तारीख को घोषणा होगी बैठक में सभी लोगो को दायित्व दिया गया है वे लोग बात करेंगे।


इससे पहले गुरुवार को उपेंद्र कुशवाहा और जीतनराम मांझी ने शरद यादव के चेहरे पर सहमति जताई थी। दोनों पार्टियों का कहना है कि अगर शरद यादव महागठबंधन के सीएम पद के उम्मीदवार होते हैं तो सारी पार्टियां सहमति जताएंगी। इधर, राजद ने पहले ही तेजस्वी यादव को सीएम पद का उम्मीदवार घोषित किया है। आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह कह चुके हैं कि हम महागठबंधन में सबसे बड़े दल हैं। अगर किसी को हमारे फैसले से ऐतराज है तो वह अपना रास्ता देख सकता है।


महागठबंधन के दूसरे दलों ने अब तक तेजस्वी को सीएम फेस बनाए जाने पर सहमति नहीं जताई है। कांग्रेस इस मामले पर कुछ भी खुल कर नहीं बोल रही है। उपेंद्र कुशवाहा ने भी चुप्पी साध रखी है। कुशवाहा और मांझी को सीएम कैंडिडेट के तौर पर तेजस्वी पसंद नहीं हैं। यही वजह है कि दोनों नेताओं ने शरद यादव का नाम आगे बढ़ाया है।