PATNA: पटना हाई कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए बिहार के अगल-अलग यूनीवर्सिटी में 4638 असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति के विज्ञापन को रद्द कर दिया है। शुक्रवार को जस्टिस संजीव प्रकाश शर्मा की पीठ ने इस मामले की सुनवाई करते हुए अपना फैसला सुनाया। 10 फरवरी को कोर्ट ने डॉ. अमोद प्रबोध और अन्य की तरफ से दायर याचिकाओं पर सुनवाई पूरी करते हुए फैसला सुरक्षित रखा था जिसे आज सुनाया गया।
हाईकोर्ट ने बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग को नए सिरे से विज्ञापन निकालने का निर्देश देते हुए बिहार आरक्षण के प्रावधानों के अनुरूप प्रक्रिया का पालन करने को कहा है। कोर्ट ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि इस फैसले का अरबी-फारसी और अन्य विषयों के अस्टिटेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। इनकी संख्या लगभग 150 है।
वरिष्ठ अधिवक्ता पीके शाही ने कोर्ट को बताया था कि आयोग ने राज्य के सभी 12 यूनिवर्सिटी में अलग-अलग विषयों के 4638 सहायक प्रोफेसर की नियुक्ति के लिए विज्ञापन निकाला था। प्रावधानों के मुताबिक आरक्षण की सीमा 50 फीसदी से अधिक नहीं हो सकती है, लेकिन इस विज्ञापन में मात्र 1223 पद ही सामान्य श्रेणी के लिए रखा गया। उन्होंने इसे संवैधानिक प्रक्रिया का उल्लंघन बताया। इससे पहले कोर्ट ने उम्मीदवारों का नियुक्त पत्र नहीं जारी करने का आदेश बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग को दिया था।