DELHI : प्रमोशन में रिजर्वेशन को लेकर सुप्रीम कोर्ट की तरफ से दिए गए फैसले के खिलाफ आज लोकसभा में लगातार हंगामा देखने को मिला. एलजेपी अध्यक्ष और सांसद चिराग पासवान गुस्से में नजर आए. चिराग पासवान ने लोकसभा में सुप्रीम कोर्ट के फैसले से असहमति जताते हुए सरकार से मांग की कि आरक्षण के तमाम बिंदुओं को संविधान की नौवीं अनुसूची में लाया जाए.
चिराग पासवान ने कहा कि आरक्षण को लेकर बार-बार जिस तरह की दुविधा और संशय वाली खबरें सामने आती रहती हैं। उसे देखते हुए आवश्यक हो जाता है कि आरक्षण के तमाम बिंदुओं को संविधान की नौवीं अनुसूची में डाला जाए. चिराग पासवान ने कहा कि बाबा साहब अंबेडकर और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के बीच हुए पूना पैक्ट के तहत देश के अंदर आरक्षण की व्यवस्था की गई थी। अगर कोई यह समझता है कि आरक्षण कोई खैरात है तो उसे अपनी गलतफहमी दूर कर लेनी चाहिए।
चिराग पासवान ने कहा कि बार बार इस तरह की जो बात कही जाती है कि ये सरकार आरक्षण विरोधी है और दलित विराधी है इसका प्रभाव जनता पर पड़ता है. ये जो एनडीए की सरकार है उसने आरक्षण प्रणाली को और मजबूत किया है. हमारी सरकार ने गरीब सवर्णों को भी आरक्षण दिया है.