ARA : कोरोना संकट की महामारी के बीच आरा में प्रशासनिक महकमा अखाड़े में खड़ा हो गया है. एक तरफ पुलिसवाले तो दूसरी ओर प्रशासनिक कर्मचारी एक दूसरे को अपने पावर का एहसास दिला रहे हैं. पुलिस अफसर और जिला प्रशासन के कर्मी ही एक दूसरे को धौंस दिखा रहे हैं. ऐसे में एक बड़ा सवाल उठता है कि जिले के कोरोना वारियर्स आपस में तू-तू मैं-मैं करेंगे और एक दूसरे से ही उलझ पड़ेंगे तो बेचारी जनता का ख्याल कौन करेगा.
दरअसल पूरा मामला भोजपुर जिले के एक थानेदार और सीओ ऑफिस के नजीर के बीच लड़ाई का है. गड़हनी थाना के थानाध्यक्ष साजिद हुसैन के ऊपर झूठे केस में नाजिर को फ़साने की धमकी दी गई तो उधर थानेदार ने यह कह दिया कि नाजिर सचिन कुमार से तो अंचल चलता है. उसकी धौंस के सामने बेचारे बीडीओ और सीओ भी कुछ नहीं कर पाते हैं.
थानाध्यक्ष पर दबंगई का आरोप
गड़हनी अंचल के नाजिर सचिन कुमार और कार्यालय परिचारी उदय शंकर कुमार की ओर से थानाध्यक्ष के ऊपर गाली-गलौज करने और झूठे केस में फंसाने की धमकी का आरोप लगाया गया है. इस मामले में दोनों कर्मचारियों ने एक चौकीदार पंकज कुमार के विरुद्ध भी कार्रवाई की मांग की है. उनकी ओर से बाकायदा वरीय उप समाहर्ता भोजपुर, पुलिस अधीक्षक भोजपुर, जिलाधिकारी भोजपुर, डीजीपी बिहार को आवेदन की प्रतिलिपि भी सौंपी गई है.
चैकीदार ने थप्पड़ चलाया
नाजिर और परिचारी की ओर से जो आवेदन सौंपा गया है. उसमें लिखा गया है कि वे लोग अंचल कार्यालय में क्वारंटाइन सेंटर के लिए किट तैयार कर रहे थे. इस दौरान थानाध्यक्ष साजिद हुसैन अपने चौकीदार पंकज के साथ पहुंचे और गाड़ी में तेल लेने की पर्ची की मांग करने लगे. जब कर्मियों ने कहा कि सीओ साहब अभी नहीं है, इतना सुनते ही थानेदार गुस्से में आगबबूला हो गए और गाली देने लगे. इतना ही नहीं, साथ में ये भी कहा कि लाठी से पिटाई भी करेंगे और जेल में भी डाल देंगे. फर्स्ट बिहार झारखंड के साथ बातचीत में भी सचिन और उदय शंकर कुमार ने अपने ऊपर हाथ छोड़ने की बात कही. उन्होंने कहा की चौकीदार पंकज ने उनके ऊपर थप्पड़ चलाया और घुस्से से मारने की कोशिश की. पूरी घटना सीसीटीवी में कैद है.
नाजिर ने थानाध्यक्ष के साथ की बदतमीजी
इन तमाम आरोपों को लेकर जब फर्स्ट बिहार की टीम ने गड़हनी थानाध्यक्ष साजिद हुसैन से बातचीत कर आरोपों की सच्चाई जाने की कोशिश की, तो एक और कहानी सामने आ गई. थानाध्यक्ष ने खुद को बेकसूर बताते हुए नाजिर सचिन के ऊपर ही कई आरोप लगा दिए. थानाध्यक्ष ने कहा कि क्वारंटाइन सेंटर के निरीक्षण के लिए हर ब्लॉक से थाना को एक गाड़ी मिलनी है. 21 तारीख को हमलोगों को गाड़ी दी गई थी और उसका लॉग बुक भी खुला था. लेकिन कोई तेल हमलोगों को नहीं दिया गया. जब रविवार को हम गश्ती में निकले थे तो अंचल ऑफिस चले गए. वहां सीओ नहीं थे, सिर्फ नाजिर था. बहुत भीड़ लगा था. किट बांटा जा रहा था. गड़हनी में दर्जनों लोग पॉजिटिव हैं. इसलिए हमने मना किया कि ऐसे मत बांटों, तो उसने कहा कि अपने काम से काम रखो.
थानाध्यक्ष ने बताया नाजिर का पावर
थानाध्यक्ष ने आगे बताया कि नाजिर सचिन बहुत पावरफुल है. आप पता कर लीजियेगा कि गड़हनी ब्लॉक को नाजिर ही चला रहे हैं. नाजिर ने भी मेरे साथ बड़ी बदतमीजी से बात की है. थानाध्यक्ष ने कहा कि जब अंचल नाजिर चला रहा है तो अंचलाधिकारी कहां हैं. ये अंचलाधिकारी से भी पूछना चाहिए. उनका नजीर सीओ को सीओ नहीं समझता है. उसके कारण रोड जाम हो जाता है. नजीर के कारण हर दिन क्वारंटाइन सेंटर में भगदड़ की स्थिति बनी रहती है. उसके कारण मास्टर को पीट दिया जाता है. बीडीओ और सीओ के सामने ही मास्टर की पिटाई हो गई.गड़हनी थानाध्यक्ष ने नाजिर की धौंस की कहानी बताते हुए कहा कि नाजिर ब्लैक स्कॉर्पियो से घूमता है. ब्लैक-ब्लैक शीशा चढ़ा हुआ है. पूरा घूमता है. उसकी कहानी के बारे में आप सभी पता कीजिये. पता चल जायेगा कि वह किस टाइप का है.
छानबीन में जुटे सीनियर अफसर
इस तरह भोजपुर जिले के अंदर अंदर दबंग पुलिस और पावरफुल प्रशासन के बीच लड़ाई चल रही है. बहरहाल इसमें कौन कितना सच्चा है और कितना झूठा है. यह तो आगे छानबीन के बात ही पता चल पायेगा. फर्स्ट बिहार की टीम ने इस मामले में जिले के डीएम रोशन कुशवाहा और एसपी सुशील कुमार से भी बातचीत करने की कोशिश की. हालांकि उनसे संपर्क नहीं हो पाया. बताया जा रहा है कि आरा सदर डीएसपी अजय कुमार ने इस मामले में संज्ञान लिया है. वे खुद अंचल के नाजिर और परिचारी से बातचीत किये हैं.