अपनी जन्मभूमि का कर्ज उतारने निकले बिहार के एक उद्योगपति: 150 गांवों को बना दिया स्वर्ग, आखिरी सांस तक सेवा करने का फैसला लिया

अपनी जन्मभूमि का कर्ज उतारने निकले बिहार के एक उद्योगपति: 150 गांवों को बना दिया स्वर्ग, आखिरी सांस तक सेवा करने का फैसला लिया

PATNA: बिहार को विकसित करने के बड़े बड़े सियासी दावों के बीच बिहार के ही एक उद्योगपति ने अपने बूते बड़ी मुहिम झेड़ दी है. वे अपने दम पर अपनी जन्मभूमि यानि बिहार के गांवों को विकसित बनाने के अभियान में लगे हैं. करीब दो साल में उन्होंने बिहार के मगध क्षेत्र के 150 गांवों की सूरत बदल दी है. बिहार के इस सपूत का नाम है उमेश शर्मा उर्फ भोला बाबू. वे देश की सबसे बडी दवा कंपनियों में से एक अरिस्टो फार्मा के प्रबंध निदेशक हैं.


आज शेखपुरा पहुंचे उमेश शर्मा

अरिस्टो फार्मा के एमडी उमेश शर्मा रविवार को शेखपुरा जिले के मेहुस गांव पहुंचे. उन्होंने स्कूली छात्र-छात्राओं के बीच किताब, बैग औऱ दूसरे पठन सामग्रियों के वितरण के बाद जनसभा को संबोधित करते हुए बड़ी घोषणायें की. उमेश शर्मा ने कहा कि वे बगैर सरकारी मदद के मेहुस गांव की बदहाली को मिटायेंगे. गांव के हरेक वार्ड में उनकी ओर से 10 सोलर लाइट लगाया जायेगा. इसके साथ ही हर वार्ड में दो चापाकल भी लगाया जायेगा ताकि ग्रामीणों को पेयजल की दिक्कत न हो. 


उमेश शर्मा ने मेहुस के सरकारी स्कूल के लिए दो भवन बनाने के साथ साथ शौचालय के निर्माण की भी घोषणा की. उन्होंने कहा कि अगर स्कूल के प्रिंसिपल उन्हें कमरा उपलब्ध करा दें तो वे अपने खर्च पर आईआईटी औऱ एनआईटी के विशेषज्ञों को बुलाकर छात्र-छात्राओं को ट्रेनिंग दिलवायेंगे. ताकि उन्हें रोजगार की समस्या का सामना नहीं करना पड़े. अरिस्टो के एमडी ने कहा कि अगर गांव में जमीन उपलब्ध होती है तो वे वहां सामुदायिक भवन भी बनवायेंगे. इससे ग्रामीणों को शादी-ब्याह से लेकर दूसरे आयोजनों में परेशानी नहीं होगी. 


मगध के 150 गांव को बना चुके है स्वर्ग

बता दें कि देश की नामचीन दवा कंपनी अरिस्टो फार्मा के एमडी उमेश शर्मा ने बिहार के गावों के विकास के लिए 100 करोड़ रुपये खर्च करने का एलान कर रखा है. कई दफे राज्यसभा सांसद रहे किंग महेंद्र के अनुज और अरिस्टो फार्मा के मैनेजिंग डायरेक्टर उमेश शर्मा उर्फ भोला बाबू ने जहानाबाद में  कॉलेज और नर्सिंग कॉलेज बनाने का भी फैसला किया है ताकि ताकि जिले के नौजवानों को सुलभ शिक्षा उपलब्ध हो सके.


उमेश शर्मा के मुताबिक वे गांवों में पेयजल आपूर्ति के अलावे समाज के लोगों के साथ मिलकर जन उपयोगी योजनाओं को जमीन पर उतारने का पूरा प्रयास कर रहे हैं. उनका कहना है कि अगर इच्छाशक्ति हो तो आम आदमी भी समाज को लाभान्वित कर सकता है. कोई जरूरी नहीं कि आप सांसद और विधायक बनकर ही विकास किया जाये.