ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar News: डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा ने की हाई लेबल मीटिंग, अधिकारियों को दिए यह निर्देश Bihar News: डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा ने की हाई लेबल मीटिंग, अधिकारियों को दिए यह निर्देश Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियां तेज, BLA प्रशिक्षण का तीसरा चरण सम्पन्न Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियां तेज, BLA प्रशिक्षण का तीसरा चरण सम्पन्न BIHAR: पटना सिटी में गंगा किनारे मिले दो शवों से मचा हड़कंप, इलाके में सनसनी Bihar Crime News: मामूली बात पर पति से हुई तीखी नोकझोंक, नाराज महिला ने उठा लिया बड़ा कदम Bihar Crime News: बिहार में रिटायर्ड चौकीदार की बेरहमी से हत्या, घर के बाहर ही बदमाशों ने ले ली जान Bihar Crime News: बिहार में रिटायर्ड चौकीदार की बेरहमी से हत्या, घर के बाहर ही बदमाशों ने ले ली जान Bihar Weather Update: खुश हो जाइए! फिर बदलने वाला है बिहार का मौसम, IMD ने जारी किया अलर्ट UPSC Exam Calender 2026: UPSC परीक्षा 2026 का कैलेंडर जारी, जानिए.. कब होंगी ये महत्वपूर्ण परीक्षाएं

अनूप इंस्टीट्यूट ऑफ आर्थोपेडिक्स बना इलाज का अंतरराष्ट्रीय केंद्र, वर्षों बाद अपने पैरों पर खड़ी हुई नागालैंड की महिला मरीज

1st Bihar Published by: Updated Sat, 09 Jul 2022 07:38:44 PM IST

अनूप इंस्टीट्यूट ऑफ आर्थोपेडिक्स बना इलाज का अंतरराष्ट्रीय केंद्र, वर्षों बाद अपने पैरों पर खड़ी हुई नागालैंड की महिला मरीज

- फ़ोटो

PATNA : अनूप इंस्टीट्यूट ऑफ आर्थोपेडिक्स पटना में पिछले दिनों डॉ. आशीष सिंह के नेतृत्व में डॉक्टरों की टीम ने नागालैंड की एक ऐसी महिला मरीज के घुटन और हिप ट्रांसप्लांट सर्जरी की थी, जो पिछले 15- 16 वर्षों से चल नहीं पा रही थी। सबसे खास बात यह रही कि रोबोटिक तकनीक से हुई इस सर्जरी के 24 घंटे बाद ही मरीज खड़ी होने में कामयाब रही। मरीज अब पूरी तरह से ठीक हैं और अस्पताल से उन्हें छुट्टी मिल गई है।


नागालैंड से अनूप इंस्टीट्यूट ऑफ आर्थोपेडिक्स पटना में पिछले दिनों इलाज कराने आई 62 वर्षीय मरीज देवी गुरंग के हिप और घुटने दोनों ही खराब हो चुके थे। उन्हें पिछले करीब 16 वर्षों से खड़ा होने और चलने में परेशानी थी। देवी गुरंग कहती हैं कि वे अपना इलाज 15 वर्षों से अलग- अलग शहरों में कराती रही हैं लेकिन समस्या ठीक नहीं हुई। वे गुवाहाटी, चेन्नई और केरल भी इलाज करा चुकी हैं। अंत में उन्हें डॉ. आशीष के बारे में पता चला। वह मात्र इलाज कराने आई थी ताकि बीमारी से राहत मिले। उन्हें भरोसा नहीं था कि वह अपने पैरों पर कभी चल सकती है। अब जबकि डॉ. आशीष ने सर्जरी कर उन्हें फिर से चलने लायक बना दिया है तो वे भावुक होकर कहती हैं कि सच में डॉक्टर भागवान हैं।


इस जटिल सर्जरी के बारे में अनूप इंस्टीट्यूट ऑफ आर्थोपेडिक्स के डायरेक्टर और आर्थोपेडिक्स सर्जन डॉ. आशीष सिंह कहते हैं कि हर सर्जरी चुनौतीपूर्ण होती है। लेकिन तकनीक और अनुभव इसे आसान बना देता है। हमारे अस्पताल में आर्थोपेडिक्स से जुड़ी विश्व की आधुनिकतम तकनीक का इस्तेमाल होता है। नई तकनीक और अपने पूर्व के लंबे अनुभव के कारण सफलता पूर्वक यह सर्जरी कर पाया।


बता दें कि डॉ. आशीष सिंह ने इंग्लैंड से एमसीएच की उच्च शिक्षा हासिल की है और वहां उन्होंने घुटने और हिप की जटिल सर्जरी काफी संख्या में की है। अनूप इंस्टीट्यूट ऑफ आर्थोपेडिक्स में भी वे हजारों की संख्या में आर्थोपेडिक्स सर्जरी कर चुके हैं। अनूप इंस्टीट्यूट ऑफ आर्थोपेडिक्स पटना में नार्थ ईस्ट के राज्यों से बड़ी संख्या में मरीज इलाज के लिए आते हैं। नार्थ ईस्ट के मरीजों का यहां आना उनके डॉ. आशीष पर भरोसे को बताता है।


साथ ही पिछले दिनों अफगानिस्तान, नेपाल, भूटान, म्यांमार और बंग्लादेश के कई गंभीर मरीजों का भी यहां इलाज हुआ है। डॉ. आशीष सिंह बताते हैं कि ज्यादातर ऐसे मरीज गंभीर केस लेकर आते है जिसमें उनका घुटना और हिप काम करना बंद कर चुका होता है। ऐसे में सर्जरी ही एकमात्र विकल्प रह जाता है। डॉ. आशीष सिंह के नेतृत्व में डॉक्टरों की टीम रोबोटिक तकनीक से सर्जरी कर 24 घंटों में मरीज को चलने फिरने के लायक बना देती हैं। सबसे खास बात यह रही कि डॉ. आशीष द्वारा की गई अब तक की सभी ऑपरेशन कामयाब रहे हैं। मरीज अब पूरी तरह से ठीक हैं और सामान्य जीवन जी रहे हैं।