अंधविश्वास में फंसी दो बेटियां, पादरी के कहने पर 20 दिनों तक नहीं किया मां का अंतिम संस्कार

अंधविश्वास में फंसी दो बेटियां, पादरी के कहने पर 20 दिनों तक नहीं किया मां का अंतिम संस्कार

DESK : अंधविश्वास की ऐसी खबर सामने आई है जिसे सुनकर आप हैरान हो जायेंगे. दरअसल एक पादरी के कहने पर 20 दिन तक दो बच्चों ने अपनी मां के शव को घर में ही रखे रहा. ये पूरा मामला तमिलनाडु के डिंडीगुल का है जहां एक पादरी ने 20 दिन तक अंधविश्वास के नाम पर दो बच्चों से उनकी मां की डेडबॉडी को ये कहकर घर में रखवाए रखा कि उनकी मां सो रही है और उसका पुनर्जीवन होने वाला है, इस दौरान अपनी मां को मत जगाना. अब इसके बाद ये मामला सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है.


इस मामले के सामने आने के बाद पुलिस ने अपनी जांच शुरू की और चर्च के पादरी सुदर्शनम और एक अन्य महिला को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने इन दोनों के खिलाफ आईपीसी की धारा 176, 304 'ए', 406 और 420 के तहत केस दर्ज किया है. पुलिस इस मामले की जांच में जुटी हुई है.


आपको बता दें कि इस मामले का खुलासा तब हुआ जब तमिलनाडु के डिंडीगुल में 38 वर्षीय अन्नाई इंद्रा जो की एक महिला पुलिस कॉन्टेबल थी, उनका परिवार चर्च के पादरी सुदर्शनम के झांसे में आ गया. पादरी ने महिला पुलिस कॉन्स्टेबल की बेटियों से कहा था कि आपकी मां की मौत नहीं हुई है. वो तो सिर्फ सो रहीं हैं. अगर आप लोग इन्हें जगाएंगे तो मां का पुनर्जीवन नहीं होगा. 


ख़बरों की मानें तो 20 दिन से महिला की डेडबॉडी को घर में रखे जाने के कारण आसपास दुर्गंध फैलने लगी, जिसके बाद वहां रहने वाले लोगों को इसकी जानकारी हुई. फिर पुलिस जब मौके पर पहुंची तो मृतका की बेटियों ने पादरी द्वारा पुनर्जीवन की बात बताई. इसके बाद पुलिस ने मृतका की डेडबॉडी को पोस्टमार्टम के लिए भेजा और मामले की जांच में जुट गई है. आपको बता दें कि मृतका पुलिस कॉन्स्टेबल 16 नवंबर से छुट्टी पर चल रही थी. जिसके बाद घर में ही उनकी मौत हो गई थी. पादरी की बातों में आकर उनकी बेटियों ने महिला का अंतिम संस्कार नहीं किया था.