अनंत सिंह के मामले पर कोर्ट में हुई सुनवाई, अदालत में प्रस्तुत किए गये AK-47 पर हस्ताक्षर और मालखाना का नंबर नहीं

अनंत सिंह के मामले पर कोर्ट में हुई सुनवाई, अदालत में प्रस्तुत किए गये AK-47 पर हस्ताक्षर और मालखाना का नंबर नहीं

PATNA: आज मंगलवार को एमपी-एमएलए कोर्ट में मोकामा के बाहुबली विधायक अनंत सिंह के मामले पर सुनवाई हुई। अनंत सिंह के घर से एके-47 बरामद होने का दावा पटना पुलिस ने किया था। कोर्ट में सुनवाई के दौरान उस एके-47 को प्रस्तुत किया गया और बाढ़ थाने के तत्कालीन इंस्पेक्टर सुजीत कुमार की गवाही फिर से हुई। बताया जा रहा है कि जो एके-47 कोर्ट में प्रस्तुत किया गया उस पर ना तो किसी का हस्ताक्षर है और ना ही मालखाना का नंबर ही अंकित है।


इस मामले की केस की आईओ लिपि सिंह की गवाही के लिए कोर्ट में आवेदन दिया गया था लेकिन बाद में आवेदन को वापस ले लिया गया। अनंत सिंह के वकील सुनील कुमार ने विधायक को फंसाने का आरोप लगाते हुए कहा कि ऐसा पहली बार हुआ है कि कोर्ट के समक्ष एके-47 प्रस्तुत किया गया। राजनीतिक साजिश और वरीय पदाधिकारियों के दबाव में ऐसा किया गया है।


राजद से मोकामा के बाहुबली विधायक अनंत सिंह के पैतृक आवास से एके-47 बरामद किए जाने का दावा करने वाली पटना पुलिस पर अनंत सिंह के अधिवक्ता सुनील कुमार ने कई सवाल उठाएं हैं। उनका कहना है कि मोकामा विधायक अनंत सिंह का किसी तरह का संबंध बरामद एके-47 से नहीं है। इसके बावजूद इस जुर्म में उन्हें जेल जाना पड़ा है। विधायक के वकील का कहना है कि अनंत सिंह को फंसाया जा रहा है। मंगलवार को एमपी-एमएलए कोर्ट में इस मामले की सुनवाई हुई।


 इस दौरान एके-47 को कोर्ट में प्रस्तुत किया गया और बाढ़ थाने के तत्कालीन इंस्पेक्टर सुजीत कुमार की फिर से गवाही भी हुई। बताया जा रहा है कि जो एके-47 कोर्ट में प्रस्तुत किया गया उस पर ना तो किसी का हस्ताक्षर है और ना ही मालखाना का नंबर ही अंकित है। इस मामले की आईओ लिपि सिंह की गवाही के लिए कोर्ट में आवेदन दिया गया था लेकिन बाद में आवेदन को वापस ले लिया गया। 


आज कोर्ट में जो एके-47 प्रस्तुत किए गये उस पर तत्कालीन इंस्पेक्टर संजीत कुमार का हस्ताक्षर नहीं था और ना ही इस मामले के अभियुक्त सुनील राम का ही साइन था। अनंत सिंह के वकील सुनील कुमार ने बताया कि ऐसा पहली बार हुआ है कि कोर्ट के समक्ष एके-47 प्रस्तुत किया गया है। राजनीतिक साजिश और वरीय पदाधिकारियों के दबाव में ऐसा किया गया है।