Literacy Rate: यह राज्य बना देश का तीसरा पूर्ण साक्षर स्टेट, 95.6% साक्षरता दर के साथ रचा इतिहास; जानिए.. यूपी-बिहार का हाल Literacy Rate: यह राज्य बना देश का तीसरा पूर्ण साक्षर स्टेट, 95.6% साक्षरता दर के साथ रचा इतिहास; जानिए.. यूपी-बिहार का हाल मधुबनी में बस और नींबू लदे ट्रक से विदेशी शराब की बड़ी खेप बरामद, पांच तस्कर गिरफ्तार Malik Trailer: राजकुमार राव की फिल्म 'मालिक' का ट्रेलर रिलीज, इस दिन सिनेमाघरों में दिखेगी दमदार मूवी Malik Trailer: राजकुमार राव की फिल्म 'मालिक' का ट्रेलर रिलीज, इस दिन सिनेमाघरों में दिखेगी दमदार मूवी OTT Web Series: इस हफ्ते सबसे अधिक देखी गई कौन सी वेब सीरीज, जानिए... Bihar News: तेलंगाना केमिकल फैक्ट्री धमाके में बिहार के दो लोगों की मौत, 16 घायल, सरकार ने मुआवजे का किया एलान; कमेटी करेगी जांच Bihar News: तेलंगाना केमिकल फैक्ट्री धमाके में बिहार के दो लोगों की मौत, 16 घायल, सरकार ने मुआवजे का किया एलान; कमेटी करेगी जांच Vastu Tips: घर में यहां रखें मोर के पंख, कभी नहीं होगी पैसे की कमी Bihar Education News: कल तक DEO थे...अब बना दिए गए DPO, जिनके अंडर कई डीपीओ काम करते थे, अब खुद नीचे काम करेंगे
1st Bihar Published by: Updated Sat, 19 Sep 2020 03:03:42 PM IST
- फ़ोटो
PATNA: बिहार के लौंगी भुईयां का आनंद महिंद्रा सपना साकार करेंगे. लौंगी भुईयां को आनंद महिंद्रा ट्रैक्टर देंगे. महिंद्रा ने कहा है कि जैसा कि आप जानते हैं, मैंने ट्वीट किया था कि उनको ट्रैक्टर देना मेरा सौभाग्य होगा. मुझे लगता है कि उनकी नहर ताज या पिरामिडों के समान प्रभावशाली है. उनका मेरा महिंद्रा ट्रैक्टर का उपयोग करना मेरे लिए सम्मान की बात माना जाएगा. उनके कैसे संपर्क किया जाए. हमारी टीम उनसे संपर्क करेगी.
प्रभावित हैं महिंद्रा
गया जिले बांकेबाजार कोठीलवा गांव के रहने वाले लौंगी भुईयां के मेहनत से महिद्रां ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा काफी उनसे प्रभावित है. उनकी कई खबर को अपने ट्विटर पर शेयर किया है. लौंगी भुईयां ने 30 साल तक अकेले पहाड़ काटकर जमीन तक 5 किलोमीटर लंबी नहर बनाकर कर मिसाल कायम की है. पानी के अभाव में वह खेती नहीं कर पाते थे. जिसके कारण उसने यह बड़ा फैसला किया. आज इस नहर से गांव के कई सैकड़ों खेती कर रहे हैं. उनके बनाई गई नहर से पानी अब आसानी से पहुंच जा रहा है.
परिवार के लोग करते थे मना
भुईयां के इस काम के जुनून को देख पत्नी, बहु और बेटा सभी लोग मना करते थे कि बिना मजदूरी वाला काम क्यों कर रहे हैं तो गांव के कुछ लोग उनको पागल समझे थे. इस बीच उनका पैर भी टूट गया. इलाज के बाद ठीक हुए थे तो फिर से अपने मिशन में लग गया. भुईयां अपने जीवन का महत्वपूर्व वक्त नहर बनाने में बित गया. उनको अफसोस है कि आजतक वह अपना घर नहीं बना पाए. अगर वह नहर नहीं बनाते तो वह काम कर अपना घर बना लेते थे. उनका सपना है कि उनका ट्रैक्टर हो. जिससे अब वह खेती कर सके. जो अब आंनद महिंद्रा साकार करने वाले हैं.