PATNA: बिहार बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर की नियुक्ति को पटना हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है. इस मामले में पटना हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए बिहार की नीतीश सरकार से जबाव मांगा है. सामाजिक कार्यकर्ता की ओर से दायर की गई याचिका पर कोर्ट ने सुनवाई की.
पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश संजय करोल और न्यायमूर्ति डॉ. अनिल कुमार उपाध्याय की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए आनंद किशोर को नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने आनंद किशोर से उनका पक्ष पूछा है. सामाजिक कार्यकर्ता शिवप्रकाश राय की ओर से दायर की गई जनहित याचिका पर सुनवाई की गई.
याचिकाकर्ता वकील दीनू कुमार और रितिका रानी ने कोर्ट को बताया कि बिहार सरकार ने आनंद किशोर को 15 सितंबर 2018 को भूतलक्षी प्रभाव (25 सितंबर 2017) से नियुक्त करने की अधिसूचना जारी की. उन्हें 3 साल के लिए अध्यक्ष बनाया गया. वो 8 जून 2016 से ही अध्यक्ष पद पर काम कर रहे थे. राज्य सरकार ने अध्यक्ष पद की रिक्ति और उस पर नियुक्ति के लिए विज्ञापन नहीं निकाला. बिना विज्ञापन के ही आनंद किशोर को अध्यक्ष पद पर नियुक्त कर दिया गया. याचिकाकर्ता का पक्ष सुनने के बाद कोर्ट ने इस मामले में आनंद किशोर को नोटिस जारी किया साथ ही राज्य सरकार से भी जवाब मांगा है. इस मामले की अगली सुनवाई 10 फरवरी को होगी.