अमित शाह ने कहा- NRC पर किसी देशवासी को डरने की जरूरत नहीं, किसी की नहीं जाएगी नागरिकता

अमित शाह ने कहा- NRC पर किसी देशवासी को डरने की जरूरत नहीं, किसी की नहीं जाएगी नागरिकता

DELHI: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि एनआरसी को लेकर किसी देशवासी को डरने की जरूरत नहीं है. किसी की नागरिकता जाने का सवाल नहीं है. 

एनआरसी और एनपीआर में कोई संबंध नहीं

शाह ने कहा कि मैं आज यह स्पष्ट रूप से कहता हूं कि नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन (NRC) और नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (NPR) के बीच कोई संबंध नहीं है. पूरे भारत में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन (NRC) पर बहस करने की कोई आवश्यकता नहीं है. क्योंकि अभी इस पर कोई चर्चा नहीं हुई है. पीएम मोदी सही कह रहे हैं, इस पर अभी तक मंत्रिमंडल या संसद में कोई चर्चा नहीं हुई है. शाह ने केरल और पश्चिम बंगाल में एनपीआर के लिए मना करने पर एएनआई को कहा: मैं विनम्रतापूर्वक दोनों मुख्यमंत्रियों से अपील करता हूं कि ऐसा कोई कदम न उठाएं और अपने फैसलों की समीक्षा करें. सिर्फ अपनी राजनीति के लिए गरीबों को विकास के कार्यक्रमों से दूर न रखें.

विपक्ष गरीबों का कर रहा नुकसान

शाह ने कहा कि एनपीआर में घर के साइज, पशुओं की जानकारी जैसी कुछ नई जानकारी मांगी गई है. जिसके आधार पर राष्ट्र की सारी योजनाओं का खाका बनता है. ऐसे सर्वे पहले न हुए होते तो हम गरीबों के घर गैस कनेक्शन न पहुंचा पाते. जो लोग इसका विरोध कर रहे हैं, वो गरीबों का नुकसान कर रहे हैं. इनलोगों ने इतने सालों तक अल्पसंख्यकों को डरा-डरा कर सभी को सुविधाओं से दूर रखा था. मोदी जी की सरकार आने के बाद अल्पसंख्यकों को घर, गैस, शौचालय और हेल्थ कार्ड मिला है. ये अभी भी उनको ये सारी सुविधाएं न मिलें इसीलिए कुछ विपक्ष की पार्टियां इसका विरोध कर रही हैं.

आपको सिर्फ जानकारी देनी होगी

शाह ने कहा कि जनगणना के जुड़े जब लोग आएंगे तो उन्हें आपको सिर्फ जानकारी देनी होगी. कोई दस्तावेज देने की जरूरत नहीं होगी. जो जानकारी आप देंगे, उसका सरकार रजिस्टर बनाएगी. जो जानकारी मिलेगी, उससे देश के विकास का खाका तैयार होगा. NPR को लेकर कहीं पर भी देश के किसी भी नागरिक को मन में ये संका लाने का कोई कारण नहीं है और खासकर अल्पसंख्यकों के भाई-बहनों को कि इसका उपयोग NRC बनाने के लिए होगा, इसका कोई लेना-देना नहीं है. कोरी अफवाहें फैलाई जा रही हैं. देश की जनगणना का संवैधानिक प्रोविजन 10 साल में करने का है. 2011 में पिछली जनगणना हुई थी, इसलिए अगली 2021 में होनी है. जनगणना की प्रक्रिया अप्रैल 2020 में शुरु होगी. तब मकानों की मैपिंग शुरु होगी। पूरी जनगणना और एनपीआर 2021 में होगा.