Bihar election 2025 : पवन सिंह और खेसारी लाल यादव में कौन है ज्यादा अमीर? जानिए दोनों की संपत्ति और राजनीतिक जुड़ाव Train Accident: बिहार में मिलिट्री गुड्स ट्रेन के दो खाली डिब्बे पटरी से उतरे, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी पटना में जिम के गेट पर झोले में मिली नवजात: मच्छरों से सूजा चेहरा देखकर जिम ऑनर ने गोद लिया, नाम रखा ‘एंजल’ Bihar Assembly Election : दूसरे चरण के मतदान के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम, 20 जिलों में तैनात 1650 कंपनियां और 4 लाख जवान UPSC IFS Mains 2025: IFS मेन्स परीक्षा 2025: UPSC ने एडमिट कार्ड जारी किया, पूरी जानकारी यहां Bihar election : बिहार चुनाव में अचानक घनबेरिया का पेड़ा बना चर्चा का स्वाद, अमित शाह ने भी की जमुई की मिठास की तारीफ; जानिए क्या है इसकी पूरी कहानी Success Story: जानिए कौन हैं एनकाउंटर स्पेशलिस्ट तदाशा मिश्रा? आखिर क्यों झारखंड में मिली इतनी बड़ी जिम्मेदारी Bihar election 2025 : मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट न देने पर बीजेपी का बड़ा बयान,कहा - हम इस तरह के प्रत्याशी ... Bihar Election 2025: चुनावी ड्यूटी से लौटते समय ITBP जवानों की बस धू-धू कर जली, बड़ा हादसा होते-होते टला Bihar Crime News: बिहार के इस जिले में युवक की बेरहमी से हत्या, मंदिर के पास मिला शव
1st Bihar Published by: Updated Sun, 17 Jan 2021 07:05:21 PM IST
- फ़ोटो
PATNA : बिहार विधान परिषद की दो सीटों पर हो रहे उपचुनाव में एनडीए का ड्रामा आखिरी वक्त में सुलझ गया है.बीजेपी ने दो में से एक सीट अपनी सहयोगी पार्टी वीआईपी पार्टी के मुकेश सहनी के लिए छोड़ी थी लेकिन सहनी 6 साल वाली पूर्णकालिक सीट लेने पर अड़े थे. उन्होंने बीजेपी के ऑफर को ठुकरा दिया था. रविवार की दोपहर अमित शाह का फोन मुकेश सहनी को आया और उसके बाद मुकेश सहनी ने सोमवार को नामांकन करने का एलान कर दिया.
आखिरी वक्त तक ड्रामा
दरअसल बिहार में विधान परिषद की दो सीटों पर उप चुनाव हो रहे हैं. सुशील मोदी के राज्यसभा और विनोद नारायण झा के विधानसभा जाने के कारण खाली हुई विधान परिषद की दो सीटों पर उप चुनाव हो रहे हैं. बीजेपी ने इनमें से एक सीट पर अपना उम्मीदवार शाहनवाज हुसैन को मैदान में उतारा और दूसरी सीट मुकेश सहनी को देने का फैसला लिया. दरअसल विधानसभा चुनाव में मुकेश सहनी की पार्टी से तालमेल के समय बीजेपी ने वादा किया था कि वीआईपी पार्टी को विधान परिषद की एक सीट दी जायेगी. उसी वादे के तहत मुकेश सहनी को सीट दिया गया.
लेकिन विधान परिषद उपचुनाव की सीटों का कार्यकाल बेहद कम है. एक सीट का कार्यकाल साढ़े तीन साल का है दूसरी का डेढ़ साल का. विधान परिषद के सदस्य का सामान्य कार्यकाल 6 साल का होता है. मुकेश सहनी ने कम कार्यकाल वाले सीट पर विधान परिषद जाने से इंकार कर दिया था. रविवार की सुबह एक वीडियो जारी कर मुकेश सहनी ने कहा कि उन्हें 6 साल का कार्यकाल वाली विधान परिषद की सीट चाहिये. लिहाजा वे उप चुनाव में उम्मीदवार नहीं बनेंगे.
ये ड्रामा तब हो रहा था जब विधान परिषद के लिए नामांकन का आखिरी समय हो चला था. सोमवार को विधान परिषद के लिए नामांकन का आखिरी दिन है. उससे पहले रविवार को ड्रामा ही चल रहा था. सियासी गलियारे में कई तरह की अटकलें लगायी जा रही थीं.
अमित शाह का फोन
इस बीच रविवार की दोपहर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का फोन मुकेश सहनी के पास आया. जानकार बताते हैं कि अमित शाह ने मुकेश सहनी को फिलहाल उप चुनाव में प्रत्याशी बनने को कहा. साथ में ये भरोसा भी दिलाया कि बाद में भी बीजेपी उनका ख्याल रखेगी. अमित शाह के फोन आने के बाद मुकेश सहनी के पास बीजेपी की बात नहीं मानने का कोई रास्ता नहीं बचा था.
रविवार की शाम मुकेश सहनी ने फेसबुक पोस्ट कर ये लिखा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उन्हें विधान परिषद उप चुनाव में प्रत्याशी बनाने की सूचना दी है. वे इसके लिए बीजेपी के कृतज्ञ हैं. मुकेश सहनी ने लिखा कि वे सोमवार को नामांकन करने जा रहे हैं.
सहनी के पास कोई विकल्प नहीं था
जानकार बताते हैं कि मुकेश सहनी के पास बीजेपी की बात मानने के अलावा कोई विकल्प नहीं था. वे जानते हैं कि उनके चार विधायकों में से तीन बीजेपी के पुराने नेता हैं. अगर बीजेपी से समझौता टूटने की नौबत आयी तो वे विधायक कहां जायेंगे ये जगजाहिर है. लिहाजा मुकेश सहनी बीजेपी पर बहुत ज्यादा दबाव नहीं बना सकते. ऐसे में अमित शाह का फोन आना ही मुकेश सहनी के लिए बड़ी उपलब्धि रही.