बीजेपी को पुराना रंग दिखाने लगे नीतीश, संसद में जेडीयू ने बिहार को विशेष दर्जे की मांग उठाई

बीजेपी को पुराना रंग दिखाने लगे नीतीश, संसद में जेडीयू ने बिहार को विशेष दर्जे की मांग उठाई

DELHI : एनडीए में सहयोगियों के मोर्चे पर कमजोर पड़ रही बीजेपी को जेडीयू ने अब पुराना रंग दिखाना शुरू कर दिया है. जनता दल यूनाइटेड ने एक बार फिर से अपनी पुरानी मांग को लेकर सक्रियता बढ़ा दी है. संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन जेडीयू की तरफ से लोकसभा में बिहार को विशेष दर्जा दिए जाने की मांग उठाई. सीएम नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा से आने वाले उनकी ही पार्टी के सांसद कौशलेंद्र कुमार ने लोकसभा में मजबूत तरीके से विशेष दर्जे का मुद्दा उठाया.




देना ही होगा

 सांसद कौशलेंद्र कुमार ने कहा कि बिहार के प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय औसत से 58 प्रतिशत कम है. इसलिए बिहार पुनर्गठन अधिनियम 2000 के प्रावधान और 14वें वित्त आयोग के सिफारिश और रघुराम राज कमिटी को ध्यान में रखते हुए बिहार के पिछड़ेपन दूर करने के लिए विशेष राज्य का दर्जा देना ही होगा. बिहार जैसे पिछड़े राज्यों से राष्ट्रीय स्तर पर लाने के लिए विशेष सहायता देने की जरूरत हैं.

जदयू ने बढ़ाया प्रेशर

फिलहाल भाजपा के सहयोगी दलों ने अपनी मांगों को लेकर प्रेशर देना शुरू कर दिया है. महाराष्ट्र में शिवसेना अलग हो गई है. झारखंड में सहयोगी आजसू ने अपना बगावती तेवर दिखाना शुरू कर दिया है. झारखंड में लोजपा ने बीजेपी की प्रेशर बढ़ाए हुए है. इसके बाद बिहार में जदयू ने विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी पर एक बार फिर से प्रेशर देना शुरू कर दिया है.

हर सरकार ने दिया धोखा

जदयू पहले ही कह चुकी है कि बीआरजीएफ से मिलने वाली राशि पहले के अपेक्षा कम हो गई है. इसलिए जो भी विशेष राज्य के दर्जे की मांग है वह केंद्र सरकार दे दे. केंद्र में कई पार्टियों की सरकार आई, लेकिन किसी ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा को लेकर कुछ नहीं किया. बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग जदयू की कई साल पुरानी है. इसको लेकर जदयू ने बिहार में आंदोलन किया था.