PATNA: बिहार में गंगा नदी पर भागलपुर के सुल्तानगंज से खगड़िया के अगुवानी के बीच बन रहा 1716 करोड़ का फोरलेन पुल रेत की दीवार की तरह बीते रविवार को ध्वस्त हो गया। पिछले साल इसी पुल का स्ट्रक्चर ध्वस्त हो गया था। अगुवानी पुल के ध्वस्त होने को लेकर लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास के राष्ट्रीय अध्यक्ष व जमुई सांसद चिराग पासवान ने नीतीश सरकार पर जमकर हमला बोला है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जीरो टॉलरेंस और करप्शन की अक्सरहां बात करते हैं। ये जताते नहीं थकते कि भ्रष्टाचार के खिलाफ उनका जीरो टॉलरेंस है लेकिन उनके सामने यह जीता जागता उदाहरण है कि कैसे उनकी नाक के नीचे बिहार का बड़ा-बड़ा प्रोजेक्ट भ्रष्टाचार की भेट चढ़ता जा रहा है। उन्होंने कहा कि अगुवानी पुल की तरह 7 निश्चय योजना में भी भ्रष्टाचार का बोल बाला है। चिराग पासवान ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि बिहार में बिना घूस के कोई काम नहीं होता।
चिराग ने कहा कि मुख्यमंत्री जी के पास फुर्सत नहीं है। वे लगातार भारत भ्रमण कर रहे हैं लेकिन यदि थोड़ा वक्त निकालकर प्रदेश का भ्रमण करेंगे तब ही यह पता चलेगा कि भ्रष्टाचार किस तरह फैला हुआ है। अगुवानी पुल तो एकमात्र उदाहरण है। भ्रष्टाचार की जानकारी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को नहीं रहती है। हर बात में बोलते है कि इस बारे में उनको मालूम ही नहीं है।
पटना में मीडिया से बातचीत करते हुए चिराग पासवान ने कहा सात निश्चय योजना पूरी की पूरी भ्रष्टाचार की देन चढ़ गई है। आज की तारीख में बिहार का शायद ही कोई ऐसा काम होगा जहां पर बिना घूस दिए कोइ काम होता हो। वहीं विपक्ष की बैठक स्थगित होने पर चिराग पासवान ने कहा ये तो सीएम नीतीश ही बताएंगे क्योंकि वे विपक्ष को एकजुट करने असंभव प्रयास में जुटे हैं। हो सकता है कि कुछ नेताओं ने विपक्षी पार्टियों की बैठक में आने से मना कर दिया हो। चिराग ने कहा कि विपक्ष अगर एकजुट होगा भी तो नीतीश कुमार के सामने क्यों होगा आखिर इनके पास है क्या?
चिराग पासवान ने कहा कि जातिगत गणना पर फिलहाल रोक लगाई गयी है। हम लोग कहते रह गये कि सर्वदलीय बैठक बुला लीजिए। लेकिन आज तक सर्वदलीय बैठक नहीं बुलाई गयी। बिहार में शराबबंदी कानून भी फेल हो गया। इस पर कहते रह गये कि शराबबंदी पर समीक्षा कीजिए लेकिन ऐसा नहीं किया गया। बिहार में बढ़ रही आपराधिक वारदातों पर चिराग पासवान ने कहा कि नीतीश कुमार प्रदेश के गृह मंत्री और मुख्यमंत्री भी हैं। निर्णय भी यही लेंगे सब काम यही करेंगे तो जवाबदेही इनकी नहीं तो और किसकी बनती है।