PATNA: भागलपुर में 1750 करोड़ की लागत से बन रहे सुलतानगंज-अगुवानी पुल के बड़े हिस्से के ध्वस्त होने पर सियासत तेज हो गई है। एक तरफ सरकार अपने बचाव में उतर गई है तो दूसरी तरफ विपक्षी दल इसको लेकर हमलावर हो गए हैं। बीजेपी ने आरोप लगाया है कि महागठबंधन में व्याप्त भ्रष्टाचार का नतीजा है कि करोड़ों की लागत से बन रहा पुल ध्वस्त हो गया। नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने बार बार एक ही कंपनी को टेंडर देने पर सवाल उठाया है तो वहीं पूर्व पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने तेजस्वी यादव पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा है कि नीतीश-तेजस्वी की सरकार में व्याप्त भ्रष्टाचार का नतीजा है कि पुल ध्वस्त हो गया। सावन के महीने में पुल का शुभारंभ होना था, ये तो महादेव की कृपा रही कि उद्घाटन से पहले ही भ्रष्टाचार का पुल ध्वस्त हो गया नहीं तो कितने ही लोगों की जान चली जाती। उन्होंने निर्माण कंपनी को टेंडर देने पर भी सवाल उठाया और कहा कि आखिर क्या कारण है कि उसी कंपनी को काम दिया जाता है। एक बार पुल गिरने के बावजूद फिर से उसी कंपनी को टेंडर क्यों दिया गया। उन्होंने कहा कि अगर हिम्मत है तो सरकार इस पूरे मामले की जांच सीबीआइ से या हाई कोर्ट के सीटिंग जज से कराए।
वहीं भागलपुर में 1750 करोड़ की लागत से बन रहे पुल के बड़े हिस्से के ध्वस्त होने पर पूर्व पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने तेजस्वी यादव पर बड़ा हमला बोला है। पूर्व पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने तेजस्वी यादव पर तंज कसते हुए कहा कि 2016 में जब पुल का डिजाइन बना था तब तेजस्वी डिप्टी सीएम थे और जब दोबारा उस पुल पर काम शुरू हुआ उस वक्त भी महागठबंधन की सरकार थी। उन्होंने कहा कि इस तरह से तेजस्वी यादव बच नहीं सकते हैं। राजनीतिक लाभ उठाने के लिए काम तो कुछ करते नहीं हैं। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने जब पुल के डिजाइन पर सवाल उठाया था, उस वक्त तेजस्वी ने सदन में कहा था कि सबकुछ ठीक है।