PATNA : सेना बहाली को लेकर सरकार की तरफ से लाई गई अग्निपथ योजना का भारी विरोध हो रहा है। इसे देखते हुए बीती रात मोदी सरकार ने एक बड़ा फैसला किया। सरकार ने अग्निपथ योजना में आयु सीमा को लेकर छूट दी है। अग्निपथ स्कीम की आयु सीमा पहले साल के लिए 21 साल से बढ़ाकर 23 साल कर दी गई है। यानी अब 17 साल 5 महीने से लेकर 23 साल तक का कोई भी युवा इस योजना का हिस्सा बन पाएगा। सरकार को उम्मीद है कि उम्र सीमा में पहले साल छूट देने से विरोध शांत पड़ जायेगा। हालांकि अभी भी छात्रों के मन में कई तरह की आशंकाएं हैं और मौजूदा विरोध को देखकर यह नहीं लग रहा है कि छात्रों का आक्रोश फिलहाल थमने वाला है।
क्या हैं आशंकाएं?
सवाल : यह योजना क्यों लाई गई?
जवाब : सरकार पेंशन जैसी देनदारी से बचेगी। वहीं, दूसरी ओर सेना हमेशा ज्यादा जवान बनी रहेगी।
सवाल : विरोध के क्या कारण?
जवाब : विरोध दो स्तरों पर हो रहा है। पहला युवाओं की ओर से। उनका कहना हे 4 साल बाद बेरोजगार होने की आशंका रहेगी। दूसरा- अफसर बता रहे हैं कि इस योजना से प्रोफेशनल आर्मी के मापदंडों से समझौता करने की नौबत आएगी।
सवाल : किस-किस तरह की आशंकाएं हैं?
जवाब : सेना के पूर्व अधिकारियों के मुतबिक 4 प्रमुख आशंकाएं हैं। पहली- ट्रेंनिंग अवधि 6 महीने है, जो कम है। दूसरी- मोटिवेशन लेवल कम हो सकता है। तीसरी – रेजिमेंटल सिस्टम पर खतरा होगा। चौथी – सैनिक को पहले साल कटौती के बाद 21 हजार मिलेंगे।
सरकार की दलील
अग्निपथ योजना के विरोध के बीच सरकार की तरफ से अलग-अलग मोर्चों पर दलील दी जा रही है। प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के संयुक्त सविच पवन सेन कहते हैं कि ये बेहतरीन योजना है। इससे समाज को फौज से आने वाले अनुशासित युवा नागरिक मिलेंगे। सेवा के दौरान ग्रेजुएशन की पढ़ाई जारी रखकर सेना से बाहर आने के बाद दूसरे काम के लिए योग्य बनेगा। यह भी जरूरी नहीं कि सैनिक बेरोजगार हो? सैनिक जब 4 साल बाद बाहर आएगा तो उसके पास करीब 12 लाख रु. होंगे। अधिकतम उम्र 25 साल होगी, इसलिए दूसरा काम शुरू कर सकता है। पर, आंकड़े बताते हैं कि 2 फीसदी पूर्व सैनिकों को दूसरी नौकरी मिली।