PATNA : लोकसभा चुनाव 2024 में एनडीए के सामने 2019 के नतीजे को दोहराना बड़ी चुनौती है। यही वजह है कि इस चुनाव में न तो जेडीयू और न ही बीजेपी किसी तरह का कोई रिस्क लेना चाहती है। लिहाजा गठबंधन में ज्यादातर पुराने चेहरों को ही रिपीट किया गया है। लेकिन, देखने वाली बात यह है कि अब तक एनडीए से तरफ से मैदान में उतारे गए कैंडिडेट में आधी आबादी को अधिक महत्व नहीं दिया गया है।
दरअसल, शनिवार देर शाम भारतीय जनता पार्टी ने जिन 17 प्रत्याशियों के नामों की घोषणा की है, उनमें किसी महिला को कैंडिडेट नहीं बनाया गया है, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार आधी आबादी की भागीदारी की बात करते हैं। इसी सोच के साथ पिछले साल सदन में महिला आरक्षण कानून भी लाया गया था। 2019 में भारतीय जनता पार्टी की ओर से लोकसभा चुनाव जीतने वालीं एक मात्र महिला सांसद रमा देवी को भी इस बार उम्मीदवार नहीं बनाया गया है। हालांकि, इस बार यह सीट जेडीयू के खाते में चली गई है, जिस वजह से वह बेटिकट हो गईं हैं। लेकिन, भाजपा ने अपने कोटे में आए 17 में से एक भी सीट पर महिला को कैंडिडेट नहीं बनाया है।
मालुम हो कि, शिवहर सीट इस बार जदयू के खाते में चली गई है जहां से लवली आनंद चुनाव में ताल ठोक रहीं है। ऐसे में यह उम्मीद लगाया जा रहा था की पार्टी रमा देवी को दूसरे जगह से कैंडिडेट बना सकती है या किसी अन्य महिला को अपना सिंबल दे सकती है। लेकिन, भाजपा नेतृत्व ने ऐसा कुछ नहीं किया उल्टा आधी आबादी को अनदेखी कर डाली। ऐसे में अब विरोधी भी भाजपा पर हमला करना शुरु कर दिए है।
उधर, अब सवाल उठने लगा है कि भाजपा आधी आबादी की बात तो करती है लेकिन आधी आबादी को टिकट नहीं देना चाहती। वही इंडी गठबंधन ने भाजपा पर इसको लेकर सीधा वार किया है। भाजपा की तुलना में इंडी गठबंधन खास कर राजद ने ज्यादा महिलाओं को अपना प्रत्याशी बनाया है। :महागठबंधन की ओर से अभी तक उम्मीदवारों की सूची जारी नहीं की गई है लेकिन आरजेडी ने कई प्रत्याशियों को सिंबल देना शुरू कर दिया है। अब तक जो तस्वीर सामने आई है, उसके तहत जमुई से अर्चना रविदास और मुंगेर से अनिता देवी को टिकट मिल चुका है, जबकि पाटलिपुत्र से मीसा भारती, सारण से रोहिणी आचार्य और पूर्णिया से बीमा भारती के नाम की चर्चा है। वहीं, कांग्रेस की तरफ से भागलपुर सीट पर अभिनेत्री नेहा शर्मा को टिकट दिया जा सकता है।
आपको बताते चलें कि, पिछले साल सितंबर में केंद्र की मोदी सरकार ने महिलाओं को लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं में 33 प्रतिशत आरक्षण दिलाने के लिए नारी शक्ति वंदन अधिनियम लाया था। विधेयक को 20 सितंबर को लोकसभा और 21 सितंबर को राज्यसभा में पारित किया गया था। बाद में 29 सितंबर को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी इसे अपनी मंजूरी दे दी। हालांकि जनगणना के बाद जब लोकसभा और विधानसभा सीटों का परिसीमन होगा, तभी इसे लागू किया जा सकेगा।