ब्रेकिंग न्यूज़

नहाय खाय के दिन VIP में बड़ी टूट, उपाध्यक्ष रंजीत सहनी समेत कई नेता बीजेपी में शामिल, भाजपा अध्यक्ष बोले..विधायक से बड़ा पद हम इनको देंगे महापर्व पर बादशाह इंडस्ट्रीज ने छठ व्रतियों के बीच पूजन सामग्री का किया वितरण, मंत्री अशोक चौधरी भी रहे मौजूद बेतिया के योगापट्टी में लगी भीषण आग, सात घर जलकर राख Bihar Crime News: बिहार में पूर्व बीजेपी विधायक की कार से बियर बरामद, वाहन जांच के दौरान हुई कार्रवाई Bihar Crime News: बिहार में पूर्व बीजेपी विधायक की कार से बियर बरामद, वाहन जांच के दौरान हुई कार्रवाई Satish Shah Death: फेमस बॉलीवुड एक्टर सतीश शाह का निधन, फिल्म इंडस्ट्री में शोक की लहर Satish Shah Death: फेमस बॉलीवुड एक्टर सतीश शाह का निधन, फिल्म इंडस्ट्री में शोक की लहर Bihar News: बिहार में छठ घाट निर्माण के दौरान बड़ा हादसा, बागमती नदी में 5 लोग डूबे; तीन की मौत Bihar News: पढ़ाई-दवाई-सिंचाई-सप्लाई, अमित शाह ने चार सूत्रों पर दिया जोर, कहा- लालू-सोनिया परिवार की 2 पहचान भ्रष्टाचार और.... Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव में दिखा प्रचार का अनोखा अंदाज, प्रत्याशी ने गले से पैर तक खुद को जंजीर से जकड़ा

अब Whatsapp-Telegraph से भी आएगा कोर्ट का नोटिस, सुप्रीम कोर्ट ने दी मंजूरी

1st Bihar Published by: Updated Sat, 11 Jul 2020 08:31:31 AM IST

अब Whatsapp-Telegraph से भी आएगा कोर्ट का नोटिस, सुप्रीम कोर्ट ने दी मंजूरी

- फ़ोटो

DESK : कोरोना संकट के इस काल में अब देशभर की अदालतें कई मामलों में पक्षकारों और आरोपियों को एसएमएस, व्हाट्सऐप और टेलीग्राफ के जरिये भी समन-नोटिस भेज सकती है. शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने इसकी इजाजत दे दी है. 

समन और नोटिस समय पर तालीम कराने में दिकक्तों को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इंस्टेंट टेली मैसेजिंग सेवा को इस्तेमाल करने की मंजूरी दे दी है. इसकी इजाजत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि  दो ब्लू टिक ये सुनिश्चित करेंगे कि रिसीवर ने नोटिस देख लिया है. हालांकि, यह स्पष्ट किया कि किसी पार्टी को समन और नोटिस के तरीकों के इस्तेमाल पर वैध सेवा साबित करनी होगी.

कोर्ट ने लिमिटेशन से जुड़े स्वत:  संज्ञान केस की सुनवाई के दौरान यह व्यवस्था दी. देश में ऐसी सुविधा पहली बार लागू की जा रही है. चीफ जस्टिस एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि ' कोरोना के चलते नोटिस और समन जैसी सेवाओं के लिए डाकघर जाना संभव नहीं है. ये सेवाएं ईमेल, फैक्स, और Whatsapp-Telegraph के जरिए दी जा सकती है. व्हाट्सएप पर ब्लू टिक लगने को नोटिस की सर्विस माना जाएगा. अगर किसी ने यह फीचर डिसएबल कर रखा है तो कोर्ट तय करेगा कि सर्विस को पूरा माना जाए या नहीं.