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1st Bihar Published by: Updated Wed, 09 Feb 2022 09:02:35 AM IST
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PATNA : सरकारी स्कूल के मास्टर से शैक्षणिक काम के अलावा और भी बहुत से काम कराए जाते हैं. जिसका विरोढ भी होता रहता है. अभी हाल ही में बिहार सरकार के आदेश में सरकारी शिक्षकों से शराब पकड़वाने के लिए आदेश जारी किया गया था. जिसकी काफी आलोचना भी हुई थी. अब केंद्र सरकार सरकारी मास्टरों पर नज़र भी रखेगी. और उनके एक एक काम का हिसाब मांगा जायेगा.
केंद्र सरकार ने बिहार समेत देश भर के शिक्षकों के शैक्षणिक व गैर शैक्षणिक कार्यों का सर्वे कराने का निर्णय लिया है. गूगल के द्वारा यह सर्वे आरंभ हो गया है. केंद्र के स्कूली शिक्षा और साक्षरता मंत्रालय के निर्देश पर बिहार में भी यह काम 15 फरवरी तक किया जाना है. इस गूगल सर्वे के परफार्मा में अलग-अलग खाने बने हैं.
इसमें शिक्षकों से एक-एक विवरण मांगा गया है. मसलन कितने दिन साल में छुट्टी पर रहे और क्यों रहे, वर्ग कक्ष में औसतन कितनी देर पढ़ाया, कितने वक्त की उन्होंने ड्यूटी दी जो शैक्षणिक नहीं है. इसके अलावा, किताब और लर्निंग मेटेरियल मिलने में देरी से लेकर बच्चों को स्पोर्ट्स समेत अन्य गतिविधियों पर बिताए गए समय का विवरण भी मांगा गया है.
दरअसल केंद्र सरकार की शिक्षा नीति 2022 में यह अवधारणा है कि शिक्षकों के द्वारा शिक्षा में मूलभूत सुधार लाया जा सकता है. गैर शैक्षणिक गतिविधियों में ज्यादा समय व्यतीत होने से रोकने के लिए शिक्षकों के ऐसे कार्य जो सीधे शिक्षण से संबंधित नहीं हैं उनको करने की अनुमति नहीं होगी. इसको लेकर भारत सरकार के स्कूल शिक्षा और साक्षरता मंत्रालय द्वारा दो गूगल सर्वे करवाया जा रहा है. मकसद है कि शिक्षकों द्वारा गैर शैक्षणिक कार्यों में कितना समय व्यतीत किया जा रहा है, इसकी जानकारी इक्टठा करना.
इस मामले में राज्य के शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने सफाई दी है कि शिक्षकों से मजबूरीवश दूसरे कामों में लगाया जाता है. वो यह मानते हैं कि इससे बच्चों के शिक्षा पर असर पड़ता है. लेकिन, सरकार की मजबूरी है कि कई बार चुनाव जैसे अन्य महत्वपूर्ण कार्यों में शिक्षकों का योगदान लिया जाता है.