DESK : देश में इस महीने तीन राज्यों में विधानसभा का चुनाव होना है। इनमें से एक एक राज्य ऐसा भी है जिससे बिहार की राजनीति और यहां की राजनीतिक पार्टियों का लगाव काफी अधिक रहता है। यह राज्य नागालैंड है और यहां इसी महीने 60 विधानसभा सीटों पर चुनाव होना है। इस बीच अब यहां बिहार के जमुई सांसद और लोजपा (रामविलास ) के राष्टीय अस्य्श ने चुनाव लड़ने का एलान कर दिया है। चिराग की पार्टी ने इसको लेकर अपने कैंडिडेट की पहली लिस्ट जारी कर दिया है।
दरअसल, नागालैंड विधानसभा चुनाव के मद्देनजर लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) ने अपनी पहली लिस्ट जारी कर दी है। रविवार को पार्टी की ओर से 19 प्रत्याशियों की सूची जारी की गई है। यहां चिराग पासवान की पार्टी "हेलीकॉप्टर" चुनाव चिन्ह के निशान पर चुनाव लड़ेगी।पार्टी ने कहा है कि, बाकी अन्य सीटों पर जल्द ही कैंडिडेट की सूची जारी की जाएगी।
वहीं, दूसरी तरफ जदयू के तरफ से भी नागालैंड में अब तक 8 उम्मीदवारों का नाम फाइनल किया गया है। यहां अबतक नागालैंड में बिहार मूल की पार्टियों में अब तक जदयू ही एकमात्र ऐसी पार्टी है जिसे सफलता मिली है। इसने पिछली बार भी जेडीयू ने 2018 में 13 सीटों पर चुनाव लड़ी थी। लेकिन एक ही सीट जीतने में सफल नहीं रही। 2003 में जेडीयू ने दो सीटें और 5.8 प्रतिशत वोट जीते थे, लेकिन 2008 में पार्टी एक भी सीट जीतने में नाकाम रही। 2013 और 2018 में उसे एक सीट पर जीत मिली थी। इसके बाद अब जदयू को नागालैंड में कड़ी टक्कर देने के लिए चिराग पासवान ने कमर कस ली है। उन्होंने 19 उम्मीदवार उतारकर अपनी रणनीति भी साफ कर दी है।
बताया जा रहा है कि, लोजपा की कोशिश नागालैंड में बड़े स्तर पर जीत हासिल करने की है। पार्टी बिहार के बाहर अपने सन्गठन विस्तार के लिए लम्बे समय से प्रयास कर रही है। इसमें नागालैंड का चुनाव बेहद अहम होगा। अगर लोजपा को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा प्राप्त करना है तो उसे बिहार के बाद अन्य राज्यों में अपनी मजबूत जमीन तैयार करनी होगी।
आपको बताते चलें कि, नागालैंड विधानसभा चुनाव के लिए लोजपा (रामविलास) ने बड़े स्तर पर तैयारी की है। एक दिन पहले ही जदयू के नागालैंड इकाई के कई नेता लोजपा में शामिल हुए थे। यहां तक कि इनमें एक ऐसे नेता भी थे जिन्हें जदयू ने उम्मीदवार बनाया था। लेकिन जदयू की ओर से नाम घोषित होने के बाद उन्होंने पार्टी छोड़ दी। अब वे चिराग पासवान के साथ आ गए हैं।