PATNA : जिले में पेंडिंग क्रिमिनल केस यानी लंबित अपराधिक मामलों की जानकारी अब हर महीने डीएम और एसपी को देनी होगी। राज्य के सभी जिलाधिकारियों एसएसपी और एसपी को यह दिशानिर्देश गृह विभाग ने जारी किया है। गृह विभाग ने सभी जिलों के डीएम और एसपी से कहा है कि वह जनवरी से जुलाई महीने तक के लंबित अपराधिक के कारणों का ब्यौरा दें। जिलों को यह भी बताना होगा कि कितने अपराधिक मामलों में सजा हुई। गृह विभाग ने जो नया आदेश जारी किया है उसके मुताबिक हर महीने की 5 तारीख को नियमित रूप से मासिक रिपोर्ट भेजनी होगी।
राज्य में तकरीबन एक लाख 95 हजार से ज्यादा केस पेंडिंग है। इनमें सबसे ज्यादा केस पटना जिले में पेंडिंग है पटना जिले में 24 से 25 हजार के अब तक केस पेंडिंग चल रहे हैं। इसके अलावे गया, मुजफ्फरपुर और सीतामढ़ी में भी लंबित आपराधिक मामलों की संख्या ज्यादा है। सरकार इस बात को लेकर ज्यादा चिंतित इसलिए है क्योंकि पेंडिंग केस की संख्या लगातार बढ़ रही है और इससे काम का बोझ भी बढ़ा है। इस साल दिसंबर महीने में राज्य के अंदर 1 लाख 75 हजार केस पेंडिंग थे जो अब लगभग दो लाख के करीब पहुंच गए हैं। यह हाल तब है जब थानों में अनुसंधान के लिए अलग से टीम बनाई गई है। पिछले दिनों एडीजी रैंक के अफसरों को जिलों का दौरा करने का भी निर्देश जारी हुआ था मगर इससे कोई बहुत फर्क नहीं पड़ा।
गृह विभाग ने जो नई व्यवस्था लागू की है उसके मुताबिक अब जिला अभियोजन पदाधिकारियों के द्वारा अपने अधीनस्थ अभियोजन पदाधिकारियों से मासिक रिपोर्ट मांगी जाएगी। विशेष लोक अभियोजक भी अपनी तरफ से डाटा मुहैया कराएंगे। इसमें न्यायालय का भी जिक्र करना होगा। मासिक रिपोर्ट में यह भी बताना होगा कि कितने अपराधिक मामलों में सजा दिलाई गई। जाहिर है सरकार की यह पहल कहीं न कहीं क्राइम कंट्रोल को लेकर है।