Bihar Election 2025: प्रशांत किशोर पर आचार संहिता उल्लंघन का केस दर्ज, राघोपुर से शुरू किया चुनावी अभियान Diwali 2025: दिवाली पर सिर्फ लक्ष्मी-गणेश ही नहीं, बल्कि इन मूर्तियों को भी लाए घर; फायदे जानकर रह जाएंगे दंग Bihar election 2025 : बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर पीएम मोदी का वर्चुअल संवाद. शुरू होगा ‘मेरा बूथ सबसे मज़बूत’ अभियान BJP Candidates : बीजेपी ने तीन उम्मीदवारों के नाम किए घोषित, एक मुस्लिम कैंडिडेट के नाम का हुआ एलान Bihar News: मवेशी के लिए चारा लेने जा रहे ग्रामीण की नदी में डूबने से मौत; पलटी नाव तो गई जान; मातम का माहौल Vande Bharat Express : पटना-हावड़ा वंदे भारत ट्रेन पर फिर पथराव, यात्रियों में दहशत; जानिए क्या थी वजह Bihar News: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले बाजारों में नहीं दिखेगी भीड़, आ गया सरकारी आदेश; जानिए क्या है मामला Bihar News: हथियारबंद बदमाशों ने बैंककर्मी से पांच लाख रुपये लूटे, चार लूटेरे फरार Bihar Assembly Elections : बिहार में इस दिन बंद रहेंगे इस जिले के स्कूल- कॉलेज, यहां देखें पूरी लिस्ट Bihar News: नदी में कपड़ा धोने गई तीन बहनों की डूबने से मौत, गांव में मातम
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 03 Jun 2024 02:44:40 PM IST
- फ़ोटो
PATNA : बिहार सरकार के शिक्षा विभाग से केके पाठक के जाने के बाद भी काम में कोई असर न दिखे, इसको लेकर तमाम तरह के निर्देश जारी किये जा रहे हैं। ऐसे में अब प्रधानाध्यापकों के लिए भी नया निर्देश आ गया है। स्कूल खुलने के बाद उन्हें शिक्षकों के साथ मिलकर खुद भी एक काम करना होगा। इसके बाद शिक्षा विभाग को इसकी रिपोर्ट भी देनी होगी।
दरअसल, आठ जून को छुट्टी समाप्त होने के बाद सभी सरकारी स्कूलों के प्रधानाध्यापकों को प्रतिदिन कक्षाएं लेनी होगी और इसकी रिपोर्ट शिक्षा विभाग को भेजनी होगी। जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार ने बताया कि प्राय: देखा जा रहा है कि प्रधानाध्यापक स्कूल के कागजी काम में ही फंसे रह जाते हैं। वह अध्यापन का कार्य नहीं कर पाते हैं। अब प्रधानाध्यापक अपने कार्यों का बंटवारा शिक्षकों के बीच कर सकेंगे। इसके साथ ही स्कूलों का निरीक्षण करने वाले भी कक्षाओं में जाकर पठन-पाठन का स्तर देखेंगे। निरीक्षक बच्चों से संबंधित विषय पर प्रश्न भी पूछ सकते हैं।
इससे उन्हें समय मिल सकेगा और कक्षाएं ले पाएंगे। जिला शिक्षा पदाधिकारी ने कहा कि प्रधानाध्यापक जब कक्षाएं लेंगे तो अन्य शिक्षकों में भी पढ़ाने के प्रति उत्साह जगेगा। स्कूल में प्रधानाध्यापक की अलग छवि रहती है। प्रधानाध्यापकों को प्रत्येक कक्षा के निरीक्षण के लिए भी निर्देशित किया गया है। ताकि शिक्षकों की अध्यापन शैली एवं बच्चों की विषयवार समझ की परख कर सकें। उन्हें यह भी देखना होगा कि बच्चों को दिए गए एफएलएन किट का प्रयोग पढ़ाने में हो रहा या नहीं।
उधर, स्कूलों का निरीक्षण कर्मी भी कक्षाओं में जाकर पठन-पाठन का स्तर देखेंगे। निरीक्षण कर्मी बच्चों से संबंधित विषय पर प्रश्न भी कर सकते हैं। जिला शिक्षा पदाधिकारी ने कहा कि निरीक्षण कर्मियों को भी पाठ्य पुस्तकों का अध्ययन करने के लिए कहा गया है। ताकि वे बच्चों की विषयवार योग्यता परख सकें।