अब अपनी ही पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का नाम भूल गए नीतीश! बोले- अरे अपने अध्यक्ष जो हैं..

अब अपनी ही पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का नाम भूल गए नीतीश! बोले- अरे अपने अध्यक्ष जो हैं..

PATNA: नीतीश के एनडीए से अलग होने के बाद से बीजेपी के नेता लगातार कहते रहे हैं कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भूलने की बीमारी हो गई है और वे चीजों को तुरंत भूल जाते हैं। यहां तक कि बीजेपी के नेता यह दावा भी कर रहे हैं कि नीतीश मेमोरी लॉस सीएम बनकर रह गए हैं। तो क्या बीजेपी नेता जो बात कह रहे हैं वह सही है?  आज बातों ही बातों में नीतीश अपनी ही पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का नाम भूल गए। चंद मिनट तक सीएम पास खड़े तेजस्वी यादव और अन्य मंत्रियों की तरफ इशारा कर ललन सिंह का नाम पूछते रहे। जब तेजस्वी और अन्य नेताओं ने ललन सिंह का नाम लिया तब जाकर सीएम को अपनी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का नाम याद आया।


दरअसल, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सोमवार को संपूर्ण क्रांति दिवस के अवसर आयोजित राजकीय समारोह में शामिल होने के लिए जेपी प्रतिमा के पास पहुंचे थे। इस दौरान मीडियाकर्मियों ने जब नीतीश से पूछा कि विपक्ष आरोप लगा रहा है कि तेजस्वी यादव से पांच-पांच विभाग नहीं संभल रहा है, इसपर सीएम का चेहरा गुस्से से लाल हो गया और उन्होंने सम्राट चौधरी का नाम लिए बगैर जमकर हमला बोला।


नीतीश ने कहा कि, “क्या बात कर रहा है बीजेपी वाला.. कौन बोलता है, जो लोग बोलता है उसका कोई मतलब है। आजकल सबसे ज्यादा बयान कौन दे रहा है। सबसे पहले तेजस्वी की पार्टी में था और उसके बाद छोड़कर जेडीयू में आया.. और अब उधर चला गया। ऐसे लोगों का कोई मतलब नहीं है। बीजेपी में दूसरे लोगों को भी बना दिया..उसका मतलब है कहीं। पिछली बार ही चुनाव जीतने की स्थिति वो नहीं था तो आरएसएस वालों ने भी कहा हमको.. तो तुरंत हमने इनको.. कर्पूरी.. तेजप्रताप.. अरे अपने अध्यक्ष जो हैं.. ललन जी को कहे कि वहां जाकर प्रचार कीजिए। 


सीएम ने आगे कहा कि, हमलोग उनके लिए क्या क्या करते रहे और वो लोग हमलोग के लिए क्या कर रहा है। हमने मदद की तो चुनाव जीता और तब क्या क्या बोलते रहता है। इस सब कुछ कुछ अंड बंड बोलता ही रहता है... एक जो हमारे साथ डिप्टी सीएम थे.. उस बेचारे को रोज बोलना ही है.. वो अगर अंड बंड नहीं बोलेंगे तो वापस कर दिए जाते कहीं और... बेचारे को कुछ न कुछ जगह मिल जाएगा तो अच्छा है.. उ सब तो पुराना आदमी है। वहीं संपूर्ण क्रांति दिवस के मौके पर आयोजित राजकीय समारोह में बीजेपी के लोगों के नहीं शामिल होने पर नीतीश ने आपत्ति जताई।