PATNA: आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय का 7वां दीक्षांत समारोह आज वर्चुअली संपन्न हुआ। चकाई के विधायक व मंत्री सुमित कुमार सिंह भी इस वर्चुअली कार्यक्रम में शामिल हुए और अपने विचार रखें। वही विश्वविद्यालय के सभी छात्रों और उपाधि प्राप्त करने वाले मेधावी छात्रों को उनके सफलता पर मंत्री सुमित कुमार सिंह ने बधाई दी। सुमित सिंह ने कहा कि किसी भी समाज का मेरूदंड उसके युवा होते हैं। बिहार सौभाग्यशाली है कि यह देश के युवाओं के सबसे अधिक आबादी वाले राज्यों में से है। पुरातन काल से ही ज्ञान का सृजन एवं प्रसार बिहार का मुख्य संसाधन एवं धरोहर रहा है।
आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय का 7वां दीक्षांत समारोह में राज्यपाल फागू चौहान, शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय, कुलपति प्रो. (डॉ.) सुरेन्द्र प्रताप सिंह, विश्वविद्यालय के संस्थापक कुलपति प्रो. एस.एन. गुहा एवं सभी पूर्व कुलपतिगण, कुलसचिव, प्रो. (डॉ.) पुष्पेन्द्र कुमार वर्मा, विश्वविद्यालय की सभा, कार्यकारिणी परिषद् तथा शैक्षणिक परिषद् के सदस्यगण, आमंत्रित अतिथिगण, पदाधिकारी एवं कर्मी और उपस्थित सभी छात्र-छात्राओं के बीच चकाई के निर्दलीय विधायक व बिहार के मंत्री सुमित कुमार सिंह ने अपने विचारों को रखा।
विश्व के विभिन्न भागों से ज्ञान पिपाषु बिहार के प्राचीन विश्वविद्यालयों में विभिन्न विषयों पर शिक्षा ग्रहण करने आते थे। देश और विदेश के अनेक प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों और शिक्षण संस्थानों में बिहार के विद्वानगण योगदान दे रहे हैं। विज्ञान, तकनीकी, अनियंत्रण एवं गणित (STEM) विषयों में बिहार के छात्रों की उत्कृष्टता से सब अवगत हैं। राज्य के छात्रों द्वारा अनेक क्षेत्रों में विश्व स्तर पर अपनी प्रतिभा एवं मेहनत से ज्ञानमयी इस भूमि की ऐतिहासिक परंपरा के अनुसार अपने राज्य एवं देश को गौरवान्वित किया गया है।
चकाई के निर्दलीय विधायक व मंत्री सुमित कुमार सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा बिहार की उसी गौरवशाली गाथा को पुर्नजीवित करने के लिए आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय पटना में स्थापना की गई। 2010 में स्थापना के बाद से अपने नामकरण के अनुरूप आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय, पटना द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में अपनी प्रभावी उपस्थिति दर्ज की गई।
शिक्षा की गुणवत्ता सुधारना, शैक्षणिक सत्र को नियमित करना एवं नवीन पाठ्यक्रमों को संचालित कराना, सभी शैक्षणिक कार्यों में विश्वविद्यालय द्वारा प्रभावपूर्ण ढंग से कार्य किया जा रहा है। TEQIP परियोजना अंतर्गत भी विश्वविद्यालय ने काफी अच्छा प्रदर्शन दिखाया है तथा विश्वविद्यालय से सम्बद्ध अभियंत्रण महाविद्यालयों को सुदृढ़ बनाने की दिशा में कई गतिविधियाँ लगातार जारी हैं, इसके लिए विश्वविद्यालय का प्रयास सराहनीय है।
यह विश्वविद्यालय महान पूर्वज गणितज्ञ, खगोलशास्त्री और ज्योतिर्विद आर्यभट्ट जी के नाम पर है, इसलिए उनके विषय में दो शब्द बोलना चाहता हूं। आर्यभट्ट जी द्वारा सर्वप्रथम अंकगणित, बीजगणित और त्रिकोणमिति आदि नियम का प्रतिपादन किया गया था। पृथ्वी गोल है और यह अपनी धूरी पर घूमती है, इस सिद्धांत के प्रणेता के रूप में हम निकोलस कॉपरनिकस को जानते हैं लेकिन आश्चर्य है कि कॉपरनिकस से लगभग 1000 वर्ष पूर्व ही यह जानकारी आर्यभट्ट द्वारा हमें दी गई थी।
वर्ष 476 ईसवी में जन्मे आर्यभट्ट द्वारा सूर्य से ग्रहों की दूरी तथा पृथ्वी से अन्य ग्रहों की दूरी के विषय में जो गणना दुनिया को दिया गया था। आज 1500 वर्ष से ज्यादा बीत जाने के बाद अत्याधुनिक टेलीस्कोप और गणना विधि से मापने पर भी लगभग वही दूरी आती है। उपर्युक्त से यह स्पष्ट है कि आर्यभट्ट द्वारा किए गए अन्वेषण कितना उन्नत थे। उस महान व्यक्तित्व के नाम पर इस विश्वविद्यालय का नामकरण होने के कारण हम लोगों का यह कर्तव्य बनता है कि उनके ज्ञान के स्तर को केंद्र में रखकर इस संस्थान का विकास किया जाए।
चकाई के निर्दलीय विधायक व मंत्री सुमित कुमार सिंह ने कहा कि मुझे खुशी है कि विश्वविद्यालय खगोल विज्ञान केन्द्र की स्थापना करने जा रहा है। इस तरह के अन्य आधुनिक विषयों पर आधारित शैक्षणिक केन्द्रों यथा:- दर्शन, स्टेम सेल टेक्नोलॉजी तथा नदी अध्ययन की भी स्थापना की जा चुकी है जो स्वागत योग्य है। विश्वविद्यालय परिसर में नैनो टेक्नोलॉजी, भौगोलिक अध्ययन, अर्थशास्त्र तथा पत्रकारिता एवं जनसंचार क्रियाशील है। साथ ही, राज्य सरकार द्वारा पर्यावरण विज्ञान एवं जलवायु परिवर्तन, गैर-पारंपरिक ऊर्जा, कला एवं संस्कृति, पुरातत्व एवं संरक्षकीय अध्ययन तथा अन्य विधाओं में भी शैक्षणिक केन्द्र की स्थापना करने की योजना बनायी जा रही है।
सुमित कुमार सिंह ने कहा कि आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय, पटना पूर्णरूपेण शोध एवं विकास के लिए कार्य कर सके इसलिए अब जल्द ही अभियंत्रण महाविद्यालयों के लिए नया विश्वविद्यालय बिहार अभियंत्रण विश्वविद्यालय अस्तित्व में आएगा। राज्य के सभी सरकारी और निजी अभियंत्रण महाविद्यालय इस विश्वविद्यालय के अधीन होंगे, जो अगले सत्र से क्रियाशील होगा। यह विश्वविद्यालय मुख्यमंत्री के सात निश्चय-2 की घोषणा की पूर्ति भी करता है। विशेष बात यह है कि तकनीकी शिक्षा के हर पाठ्यक्रम के दाखिले में महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण का प्रावधान किया गया है।
यह कदम तकनीकी शिक्षा में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाएगा। बिहार में नए युग की औद्योगिक एवं तकनीकी क्रांति के लिए प्रचूर संसाधन और संभावनाएँ हैं। यहाँ के युवा पीढ़ी में अद्भुत क्षमता है जो उन्हें परिवर्तनकारी औद्योगिक उत्पादन के लिए समर्थ बनाती है। आवश्यकता है कि इस तेजस्वी युवापीढ़ी को सही नेतृत्व एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान कर उन्हें समाज, राज्य, देश एवं विश्व के सतत् विकास में महत्वपूर्ण हितधारक बनाया जाए।
राज्य सरकार के प्रयासों एवं युवा पीढी के सार्थक योगदान के कारण ही राज्य का विकास दर भारत में सबसे तेजी से बढ़ते राज्यों में से एक है। इस विकास दर को उत्तरोत्तर बनाए रखने के लिए मुझे बिहार के छात्र-छात्राओं से अपेक्षा है कि आप सभी इसके सक्रिय सहभागी बने रहें। मुझे उम्मीद ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय, पटना एवं इसके जैसे अन्य महत्वपूर्ण शैक्षणिक संस्थान राज्य के सतत् विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहेंगे।