आम बजट पर उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने दी प्रतिक्रिया, कहा-'आत्मनिर्भर भारत' का यह ऐतिहासिक बजट

1st Bihar Published by: Updated Mon, 01 Feb 2021 05:36:20 PM IST

आम बजट पर उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने दी प्रतिक्रिया, कहा-'आत्मनिर्भर भारत' का यह ऐतिहासिक बजट

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PATNA: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए आम बजट पेश किया। बिहार के उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने केंद्रीय आम बजट पर प्रतिक्रिया दी है। देश को आत्मनिर्भर बनाने वाला बजट करार देते हुए कहा कि इससे कोरोना काल में अर्थव्यवस्था को रफ्तार मिलेगी। इस आम बजट में आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने पर विशेष जोर दिया गया है। 



बिहार के उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि बजट में आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना की घोषणा की गई है। स्वास्थ्य बजट को 94 हजार करोड़ से बढ़ाकर 2.38 लाख करोड़ किया गया है। बजट में कोरोना वैक्सीन के लिए 35 हजार करोड़ रुपए का बजटीय प्रावधान किया गया है।  सभी राज्यों का हेल्थ डाटा बेस तैयार  किया जायेगा। केंद्रीय बजट में सभी वर्गों के लिए राहत और जन सुविधाओं का ख्याल रखा गया है। 17 नए हेल्थ इमरजेंसी सेंटर खोलने का ऐलान किया गया है। इसके अलावा 64180 करोड़ रूपए की हेल्थ स्कीम की घोषणा की गई है। वही स्थानीय निकायों में जलापूर्ति के लिए शहरी जल जीवन मिशन के तहत 2.87 लाख करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।


केंद्रीय आम बजट पर उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि इस बजट में किसान, कामगार से लेकर आम करदाता, छोटे-बड़े कारोबारी और हर वर्गों के लिए राहत का ख्याल रखा गया है। बजट में बीमा सेक्टर को बड़ी राहत दी गई है। उन्होंने बताया कि एफ.डी.आई. की सीमा 49 फ़ीसदी से बढ़ाकर 74 फ़ीसदी की गई है। वही 75 वर्ष से ऊपर के वरिष्ठ नागरिकों के लिए आयकर रिटर्न के मद्देनजर विशेष सुविधा एवं राहत प्रदान की गई है। उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि इस बार का केंद्रीय बजट डिजिटल बजट है। केंद्र सरकार किसानों की आय दोगुनी करने के लिए काम कर रही है। यू.पी.ए. सरकार की तुलना में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने तीन गुणा अधिक राशि किसानों के खाते में पहुंचाई है। केंद्रीय सरकार द्वारा प्रत्येक सेक्टर में कृषकों को मदद देने की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। उन्होंने कहा कि दाल, गेहूं, धान समेत अन्य फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य को बढ़ाया गया है। केंद्रीय सरकार ने फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य को बढ़ाकर उत्पादन लागत का डेढ़ गुना किया है।