PATNA : आम बजट के पहले केंद्र सरकार के सामने बिहार ने एक साथ कई मांगों को रखा है। केंद्रीय वित्त मंत्री के साथ राज्यों के मुख्यमंत्रियों की हुई बैठक में बिहार के उपमुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री तार किशोर प्रसाद ने बिहार से जुड़ी कई मांगों को केंद्र के सामने रखा है। उपमुख्यमंत्री ने राजकोषीय घाटा सीमा को 5% करने का अनुरोध किया है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए केंद्रीय वित्त मंत्री के समक्ष 2020-21 के बजट हेतु रखे महत्वपूर्ण सुझाव देते हुए बिहार के उप मुख्यमंत्री तार किशोर प्रसाद FRBM के तहत उधार लेने की सीमा एक प्रतिशत सशर्त उधार को बिना शर्त उधार में परिवर्तित करने का अनुरोध किया है।
साथ ही साथ वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए FRBM राजकोषीय घाटा सीमा को 5 फीसदी करने का आग्रह किया है। स्थानीय निकायों के लिए शेष 50% अनुदान की शीघ्र विमुक्त करने, विमुक्ति हेतु कैलेंडर निर्धारित करने का सुझाव भी बिहार के वित्त मंत्री ने दिया है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा राज्य सरकार को उपलब्ध कराई जाने वाली 50% राशि अर्थात ₹383.50 करोड़ रुपए की राशि जल्द जारी करने की मांग भी रखी है।
उपमुख्यमंत्री तार किशोर प्रसाद ने केंद्रीय प्रायोजित स्कीम के लिए केंद्रांश की राशि वित्तीय वर्ष 2019-20 में विमुक्त की गई राशि के समतुल्य रखने का सुझाव देते हुए कहा है कि राज्यांश- केंद्रांश अंशदान अनुपात पर पुनर्विचार करते हुए केंद्रीय प्रायोजित योजनाओं के लिए 2019-20 में राज्यांश सहित निर्धारित उदव्यय के समतुल्य राशि वर्ष 2020-21 में भी विमुक्त की जाए और वर्ष 2021-22 के लिए इसी प्रकार संसाधनों का पूर्वानुमान करने का सुझाव भी दिया। केंद्रीय प्रायोजित योजनाओं में पूर्व निर्णय के अनुरूप समेकित निधि के माध्यम से ट्रेजरी मॉड्यूल अंतर्गत राशि का अंतरण एजेंसी को किया जाए यह बात भी रखी है। राज्य सरकार को प्रत्येक मंत्रालय, विभाग से बजटीय उपबंधित राशि की जानकारी आगामी वित्तीय वर्ष के प्रथम त्रैमास में दिए जाने और बैंकों द्वारा लक्ष्यों की प्राप्ति के अनुश्रवण एवं समीक्षा हेतु राज्यवार अनुश्रवण समूह का गठन करने की मांग रखी है।