1st Bihar Published by: Updated Mon, 29 Jun 2020 07:01:20 AM IST
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PATNA : बिहार में फार्मासिस्ट और एएनएम की अनिश्चितकालीन हड़ताल आज से शुरू हो गई है। मानदेय बढ़ाने की मांग को लेकर फार्मासिस्ट और एएनएम पिछले 14 दिनों से होम क्वारंटाइन पर थे और अब इन्होंने अपनी मांगों के समर्थन में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का फैसला किया है। मानदेय वृद्धि की मांग को लेकर उन्होंने हाईकोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया था लेकिन कोर्ट ने फार्मासिस्ट और एएनएम को पहले सक्षम पदाधिकारियों के सबवे बंद रखने को कहा है।
बिहार में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत आंगनबाड़ी से लेकर स्कूलों तक में बच्चों की स्वास्थ्य के लिए हर प्रखंड में आयुष चिकित्सक, फार्मासिस्ट और एएनएम की नियुक्ति की गई है। दो साल पहले सरकार ने आयुष चिकित्सकों के मानदेय में इजाफा किया था और अब फार्मासिस्ट और एनेनम्बआयुष चिकित्सकों की तर्ज पर ही मानदेय वृद्धि की मांग कर रहे हैं। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत 2015 में बिहार के अंदर 2136 आयुष चिकित्सकों 1068 फार्मासिस्ट और 1068 की संख्या में एएनएम की बहाली की थी। साल 2015 में आयुष चिकित्सकों को 20,000 फार्मासिस्ट को 12000 और एएनएम को 11500 मानदेय दिया जाता था। साल 2018 में राज्य सरकार ने कॉन्ट्रैक्ट पर कार्यरत एलोपैथी चिकित्सकों के मानदेय के बराबर ही आयुष चिकित्सकों को भी मानदेय देने का फैसला किया लेकिन फार्मासिस्ट और एएनएम को कोई लाभ नहीं दिया गया।
हाईकोर्ट से राहत नहीं मिलने के बाद फार्मासिस्ट और एएनएम के संगठनों की तरफ से मुख्यमंत्री सहित स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव, राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक को ज्ञापन दिया जा चुका है लेकिन सरकार ने इस पर कोई फैसला नहीं किया। अखिल भारतीय फार्मासिस्ट एसोसिएशन बिहारबके महासचिव राजीव कुमार सिन्हा ने कहा है कि 29 जून से शुरू हो रही अनिश्चितकालीन हड़ताल तब तक जारी रहेगी जब तक सरकार मानदेय वृद्धि पर फैसला नहीं ले लेती।