आज से दो दिनों के सीमांचल दौरे पर ओवैसी, बढ़ाएंगे नीतीश - तेजस्वी की टेंशन

आज से दो दिनों के सीमांचल दौरे पर ओवैसी, बढ़ाएंगे नीतीश - तेजस्वी की टेंशन

KISHANGANJ : आईएमआईएम सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी सीमांचल के दो दिवसीय दौरे को लेकर शनिवार को किशनगंज पहुंच गए हैं। एआईएमआईएम नेताओं और समर्थकों ने उनका जोरदार स्वागत किया।असदुद्दीन ओवैसी हैदराबाद से हवाई मार्ग से बागडोगरा एयरपोर्ट पहुंचे थे, जहां से वो पोठिया होते हुए किशनगंज पहुंचे और शहर के सुभाष पल्ली स्थित दफ्तरी पैलेस में रात्रि विश्राम के लिए रुके। 


दरअसल,  2024 लोकसभा चुनाव से पहले सभी प्रमुख राजनीतिक दलों की नजर सीमांचल पर है। पिछले दिनों महागठबंधन के तरफ से पूर्णिया में हुंकार भरी गई थी। वहीं,बीजेपी के सीनियर नेता और देश के गृह मंत्री अमित शाह भी पूर्णिया में रैली कर सियासी नब्ज टटोल चुके है, तो दूसरी तरफ महागठबंधन के सात दलों ने मिलकर पूर्णिया में हुंकार भरी थी। इसके बाद अब आज से एआईएमआईएम असदुद्दीन ओवैसी सीमांचल दौरे पर हैं।


वहीं, सीमांचल में ओवैसी की मौजूदगी से नीतीश -तेजस्वी की बेचैनी बढ़ गई है। अगले 48 घंटे में ओवैसी अगर सबसे अधिक नुकसान किसी को देने वाले हैं तो वह महागठबंधन ही है। ऐसा माना जाता है कि, इस इलाके में सबसे अधिक वोट महागठबंधन को आता है और यहां उनके कैडर वोटर हैं। ऐसे में अब ओवैसी इस दौरे से उसमें सेंधमारी के आसार जताए जा रहे हैं। हालांकि, सीमांचल में ओवैसी के निशाने पर सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों उनके निशाने पर होंगे।  


मालूम हो कि, सीमांचल का कई जिला पश्चिम बंगाल से सटा हुआ है। यहां 60 से 70 फीसदी वोटर मुस्लिम है। सीमांचल में पूर्णिया, अररिया, किशनगंज और कटिहार जिले आते हैं.। यहां लोकसभा की 4 और बिहार विधानसभा की 24 सीटें हैं। इसके बाद ओवैसी के सीमांचल दौरे से सियासत गर्मा गई है। बीजेपी विधायक  मुसलमानों के वोटिंग राइट को समाप्त कर देने की बात कर रहे हैं तो राजद के विधायक भाजपा नेता को यह कह रहे हैं कि, उन्हें पहले अपनी बेटियों को मुस्लिम के साथ आने से रोकना चाहिए। ऐसे में अब यह देखने वाली बात होगी की ओवैसी किस तरीके से इसका जवाब देंगे। 


आपको बताते चलें कि, सीमांचल में असदुद्दीन ओवैसी की एंट्री के बाद उनके टारगेट पर सबसे अधिक कोई होगा तो वो राजद ही होगा।  जिस तरीके से उनकी पार्टी ने 2020 बिहार विधानसभा चुनाव में 5 सीटें जीती थी ओर बाद में राजद ने इसमें सेंधमारी कर चार विधायकों को अपनी पार्टी में शामिल करा लिया था। अब उसको लेकर वो वहां के लोगों से कुछ न कुछ बड़ी अपील करेंगे और वोटरों का भरोसा एकबार वापस से अपने साथ लाने की कोशिश करेंगे।