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आर्थिक सर्वेक्षण 2023-24 : तेजी से विकसित हो रहा बिहार, ग्रोथ रेट लगातार 10 % के पार

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 13 Feb 2024 06:57:14 AM IST

आर्थिक सर्वेक्षण 2023-24 : तेजी से विकसित हो रहा बिहार, ग्रोथ रेट लगातार 10 % के पार

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PATNA : बिहार की विकास दर वर्ष 2023-24 में भी 10 फीसदी के पार रही। आधार वर्ष 2011-12 के स्थिर मूल्य पर सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) 10.6 प्रतिशत बढ़कर 4.4 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है। जबकि वर्तमान मूल्य पर 15.5 प्रतिशत बढ़कर 7.5 लाख करोड़ रुपये हो जाने का अनुमान है। सोमवार को उपमुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री सम्राट चौधरी ने बिहार विधानमंडल के दोनों सदनों में आर्थिक सर्वेक्षण 2023-24 पेश किया।


वहीं, इस आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार, राज्य सरकार ने आर्थिक गतिविधियों में विकास के लिए लगातार काम किया है। राजकोषीय संसाधनों के बेहतर प्रबंधन से विकास से जुड़े कई लक्ष्य हासिल हुए हैं। राज्य सरकार ने विवेकपूर्ण राजकोषीय प्रबंधन के जरिए सामाजिक-आर्थिक विकास को लगातार सहयोग दिया है। विकास से जुड़े लक्ष्यों के लिए 2022-23 में पिछले वर्ष के व्यय से 20.1 प्रतिशत वृद्धि कर काम करना जारी रखा।

कुल व्यय 2.32 लाख करोड़ रुपये में से 1.84 लाख करोड़ रुपये राजस्व लेखा और 0.48 लाख करोड़ पूंजीगत लेखा से व्यय किया। राजस्व प्राप्ति 1.73 लाख करोड़ रुपये और पूंजीगत प्राप्ति 0.48 लाख करोड़ रुपये थी। राज्य में दीर्घकालिक आर्थिक विकास को और भी बढ़ावा देने के लिए आवश्यक आधारभूत संरचना में सुधार को पूंजीगत व्यय में 41.4 प्रतिशत वृद्धि की गई।


इसके साथ ही बिहारियों की औसत उम्र चार वर्षों में 1.4 वर्ष की वृद्धि के साथ 69.5 वर्ष हो गई है। वर्ष 2010-14 और 2016-20 के बीच बिहार के लिए जन्मकालीन जीवन संभाव्यता में काफी बदलाव हुआ है। 2010-14 में औसत उम्र संभावना 68.1 वर्ष से 2016-20 में 69.5 वर्ष हो गया। 2010-14 में पुरुष की जीवन संभावना 67.8 वर्ष और महिला की 68.4 वर्ष थी। लेकिन 2016-20 में महिला के जीने की संभावना 69.2 वर्ष व पुरुष की 69.7 वर्ष हो गए। भारत की औसत जीवन संभावना 70 वर्ष हैं।


उधर,  बिहार में आधार वर्ष 2011-12 के स्थिर मूल्य पर वर्ष 2022-23 में प्रतिव्यक्ति आय 9 प्रतिशत बढ़कर 35,119 रुपये होने का अनुमान है। वहीं, वर्तमान मूल्य पर प्रति व्यक्ति आय में पिछले वर्ष से 13.9 प्रतिशत बढ़कर 59,637 रुपये होने का अनुमान है। इसी अवधि में राष्ट्रीय स्तर पर 2011-12 के स्थिर मूल्य पर प्रतिव्यक्ति आय 98,374 रुपये होने का अनुमान है। राष्ट्रीय स्तर पर 2021-22 के अंतिम गणना के अनुसार यह 92,583 ही थी।