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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 16 Dec 2024 07:51:51 AM IST
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BPSC EXAM : बीते 13 दिसंबर को पटना के एक परीक्षा केंद्र पर बीपीएससी (bpsc 70th exam) की परीक्षा के दौरान अभ्यर्थियों ने भारी हंगामा मचाया था। बीपीएससी ने इस घटना की जांच का जिम्मा पटना के जिला प्रशासन को सौंपा था। आयोग ने पटना के डीएम(patna dm) से रिपोर्ट तलब किया था। डीएम ने अपनी रिपोर्ट आयोग को सौंप दिया है। इसके बाद अब इस मामले में बड़ा एक्शन लिया जा सकता है।
जानकारी के मुताबिक जिला प्रशासन द्वारा बीपीएससी (bpsc 70th exam) को सौंपी गई रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया है कि परीक्षार्थियों के रूप में कुछ असामाजिक तत्व परीक्षा में शामिल थे एवं उनका एक ग्रुप परीक्षा भवन के बाहर भी मौजूद था। वह बाहर हंगामा करने पर आतुर थे। कुछ अभ्यर्थियों ने अतिरिक्त केंद्र अधीक्षक को घेर कर परीक्षा निरस्त होने की घोषणा करने के लिए दवाब बनाया लेकिन उन्होंने मना कर दिया गया।
इसके अलावा कुछ परीक्षार्थी तोड़फोड़ एवं अन्य प्रकार से व्यवधान उत्पन्न करने की ठान चुके थे ताकि किसी तरह परीक्षा निरस्त हो जाए रिपोर्ट में जिम्मेदार परीक्षार्थियों में उपद्रवी तत्वों के विरुद्ध सख्त अनुशासनिक एवं कानूनी कार्रवाई के साथ हत्या का मामला दर्ज करने की अनुशंसा की गई है। वही इस प्रकार में कुछ नामी कोचिंग संस्था की भी भूमिका की जांच की जरूरत बताई गई है।
मालूम हो कि बापू परीक्षा परिसर में 12000 अभ्यर्थियों को इस परीक्षा में शामिल होना था इनमें से 5671 प्रश्न पत्रों के ओएमआर शीट जमा कारण गए हैं परीक्षा के दौरान कुछ अभ्यर्थियों के इधर-उधर घूमते हुए भी वीडियो प्रसारित हुए हैं उनकी भी जांच की जा रही है। जांच रिपोर्ट परीक्षा केंद्र पर तैनात वरीय दंडाधिकारी ब्रज किशोर लाल, वरीय उप समाहर्ता पटना एवं केंद्राधीक्षक ने जिला प्रशासन को उपलब्ध कराया है। जिसे पटना जिला पदाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने आवश्यक कार्रवाई के लिए बिहार लोक सेवा आयोग को भेजा है। इसके साथ ही परीक्षा केंद्र का सीसीटीवी भी भेजा गया है।
इधर, इस जांच जांच रिपोर्ट में बापू परीक्षा परिसर में परीक्षा संचालन से संबंधित सुझाव भी दिए गए। जिसमें कहा गया है कि बापू परीक्षा परिसर में हजारों परीक्षार्थी शामिल होते हैं। ऐसे में कुशल प्रबंधन के लिए प्रत्येक तल को परीक्षा केंद्र के रूप में निर्धारित करते हुए अलग-अलग केंद्र अधीक्षक दंडाधिकारी आदि प्रतिनियुक्ति की जानी चाहिए। जिला प्रशासन की अनुशंसा पर ही बापू परीक्षा परिषद अथवा अन्य केदो को परीक्षा के लिए चयनित किया जाए।