Bihar Crime News: चोरी के इरादे से घर में घुसे युवक को लोगों ने रंगेहाथ दबोचा, हाथ-पैर बांधकर बेरहमी से पीटा SUPAUL: मिट्टी लदे अनियंत्रित ट्रैक्टर ने 40 साल की महिला को कुचला, मौत से गुस्साए लोगों ने NH-327E को घंटों किया जाम Khan Sir Wife: कहां की रहने वाली हैं खान सर की नई नवेली दुल्हनिया, क्या है फैमिली बैकग्राउंड? यहां मिलेगा हर सवाल का जवाब Khan Sir Wife: कहां की रहने वाली हैं खान सर की नई नवेली दुल्हनिया, क्या है फैमिली बैकग्राउंड? यहां मिलेगा हर सवाल का जवाब दलित बच्ची की मौत के बाद परिजनों से मिलने पहुंचे तेजस्वी यादव, नीतीश के साथ-साथ मंगल पांडेय पर बोला जोरदार हमला Patna Crime News: पटना के होटल में चल रही थी शराब पार्टी, पुलिस ने पिस्टल और गोली के साथ 15 लोगों को दबोचा Patna Crime News: पटना के होटल में चल रही थी शराब पार्टी, पुलिस ने पिस्टल और गोली के साथ 15 लोगों को दबोचा जमुई में दिनदहाड़े लूट की वारदात: बाइक सवार बदमाशों ने शिक्षक के पिता को बनाया शिकार Bihar News: ऊपर तक देना होता है..जल्दी से और 20 हजार दो, वरना...! सचिवालय में बैठे 'मद्य निषेध विभाग' के बाबू- कर्मी के बीच 'रिश्वतखोरी' की दिलचस्प बातचीत वायरल पटना के लोदीपुर में महिला सिपाही ने की आत्महत्या, किराए के मकान से मिला शव
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 18 Dec 2024 08:02:40 PM IST
- फ़ोटो
SAMASTIPUR: शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ.एस सिद्धार्थ आए दिन शिक्षकों और प्रधानाध्यापकों से वीडियो कॉलिंग कर स्कूल का फीडबैक ले रहे हैं। डॉ. एस सिद्धार्थ की इस पहल से खासकर बच्चे काफी खुश हैं। स्कूल में उन्हें अब बेहतर पढ़ाई का माहौल मिल रहा है। एसीएस के कार्यों से खुश होकर समस्तीपुर जिले के लगुनियाँ सूर्यकंठ के बाल संसद और मीना मंच की बच्चियों ने पत्र लिखकर अपनी बातें रखी। 8वीं की बच्चियों ने एस सिद्धार्थ से ठंड में स्वेटर देने की मांग की है।
बाल संसद की उप प्रधानमंत्री 8वीं की छात्रा सलोनी कुमारी, उप शिक्षा मंत्री बाल संसद संध्या कुमारी, 8वीं कक्षा की मॉनिटर लक्ष्मी कुमारी ने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ को पत्र लिखकर अपनी समस्याएं रखी। पत्र में छात्राओं ने लिखा कि बिहार की शिक्षा व्यवस्था में आमूल चूल परिवर्तन के लिए आपके स्तर से किया जा रहे प्रयासों के लिए हम अपने विद्यालय के बाल संसद के सभी सदस्यों, मीना छात्राओं, सभी बच्चों एवं शिक्षक शिक्षिका की ओर से आपको हृदय से धन्यवाद देते हैं। हर शनिवार को आपको सुनना हमें काफी अच्छा लगता है।
हम आपका ध्यान इस ओर दिलाना चाहते हैं कि विद्यालय में बच्चों को पोशाक में आने की दृष्टि से हमारा विद्यालय पिछले 3 वर्षों से काफी अच्छा प्रदर्शन कर रहा है। हमारे विद्यालय में 95 प्रतिशत से अधिक और कभी-कभी तो 100% बच्चे पोशाक में आते हैं। हमारे हेड सर जी की ओर से केवल ऐसे बच्चों को रंगीन पोशाक में आने की छूट है, जिनका उस दिन जन्मदिन होता है। परंतु जाड़े के दिनों में एक समस्या आती है। हमारे विद्यालय में पढ़ने वाले अधिकांश बच्चे अत्यंत ही गरीब परिवार के बच्चे हैं। विद्यालय में अधिकांश बच्चे पासी, कुंभकार, लोहार एवं चर्मकार समाज से आते हैं।
हम बच्चों के पास आमतौर पर अच्छे ऊनी कपड़ों की कमी होती है। यही कारण है कि जाड़े के दिनों में बच्चे अपने-अपने हिसाब से अलग-अलग रंगों के स्वेटर, जैकेट, शॉल,चादर आदि में विद्यालय आते हैं। कई ऐसे भी बच्चे हैं जो बिना स्वेटर के केवल इनर में अथवा स्कूल ड्रेस के अंदर घर के अन्य साधारण कपड़े पहनकर ही स्कूल आते हैं। हालाँकि हर वर्ष जाड़े में हमारे हेड सर जी एवं अन्य सभी गुरुजन ऐसे बच्चों के लिए अपने अपने घर से पुराने स्वेटर लाकर बांटते हैं। ऐसी स्थिति में चेतना सत्र के दौरान अथवा वर्ग कक्ष में बच्चों के पोशाक में काफी भिन्नता दिखती है।
हम बच्चे ऐसा महसूस करते हैं कि यह समस्या शायद राज्य के अधिकांश विद्यालयों में होगी। हमारा अनुरोध है कि यदि संभव हो सके तो सरकारी विद्यालय के हम बच्चों के लिए भी निजी विद्यालय के बच्चों की तरह एक समान रंग के स्वेटर का प्रावधान करने की कृपा की जाए ताकि जाड़े के दिनों में भी विद्यालय में बच्चों के पोशाक में समरूपता रह सके। अर्थात विद्यालय के ड्रेस कोड में स्वेटर को भी शामिल किया जाय। यदि सचमुच ऐसा हो सकेगा तो उत्क्रमित मध्य विद्यालय लगुनियाँ सूर्यकंठ के हम बच्चे सदा आपके आभारी रहेंगे। हमारे विद्यालय के बाल संसद के बच्चों का यह भी सुझाव है कि यदि भविष्य में यह नियम लागू हो सके, तो इसके लिए नेवी ब्लू रंग का फुल स्वेटर सबसे अच्छा रहेगा।