सरकारी सेवकों के साथ अमानवीय व्यवहार कर रही सरकार, 50 साल में सेवा मुक्त का निर्णय ले वापस

सरकारी सेवकों के साथ अमानवीय व्यवहार कर रही सरकार,  50 साल में सेवा मुक्त का निर्णय ले वापस

PATNA : बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष   केदारनाथ पांडे एवं महासचिव शत्रुघ्न प्रसाद सिंह  ने संयुक्त बयान में कहा है  कि  50 साल  या उससे अधिक के उम्र वाले सरकारी सेवकों को सेवा से मुक्त करने का निर्णय बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. ऐसे सरकारी सेवक जिन पर कोई गंभीर आरोप हैं उन्हें तो सरकार कभी भी सेवा से मुक्त करने का अधिकार रखती ही है तो फिर ऐसे निर्णय का क्या औचित्य है और वह भी कोरोना जैसी महामारी के दौरान.

उन्होंने टाटा उद्योग के प्रमुख रतन टाटा के एक बयान का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने अपने एक बयान में मानवीय पक्ष को उजागर करते हुए कहा है कि वैसे कर्मियों पदाधिकारियों जो लंबे समय से निजी क्षेत्र या सरकारी क्षेत्र में काम कर रहे हैं सेवा से मुक्त करना अथवा उन्हें वेतन के पैसे नहीं देना बहुत ही अमानवीय यह बात है.

सरकार को भी इस बात का संज्ञान लेना चाहिए कि जिस कर्मी ने सालों से सेवा दी है और लगातार इस महामारी में जनता की सेवा में लगा हुआ है और अपने राजधर्म का पालन कर रहा है उसे 50 वर्ष की उम्र में बर्खास्त करना कहीं से भी जायज नहीं है. जबकि यही उम्र है जिसमें आदमी को आर्थिक मदद की आवश्यकता होती है. इसलिए सरकार को अपना यह आदेश तत्काल प्रभाव से स्थगित कर देना चाहिए.