PATNA: बिहार में बिजली के स्मार्ट मीटर को लेकर भारी विवाद छिड़ा है. लाखों लोगों का आरोप है कि स्मार्ट मीटर के जरिये उनके ज्यादा पैसा वसूला जा रहा है. आरजेडी ने स्मार्ट मीटर के खिलाफ खुला मोर्चा खोल दिया है. पूरे राज्य में आंदोलन का एलान किया जा रहा है. इस बीच बिहार के बिजली विभाग का अलग कारनामा सामने आया है. बिजली विभाग के अधिकारियों को घूमने के लिए सरकारी पैसे पर 50 लाख की गाड़ी चाहिये. अधिकारियों को लक्जरी गाड़ियों को भाड़े पर लेने के लिए बकायदा टेंडर निकाल दिया गया है.
बिजली विभाग के साहबों की मौज
दरअसल बिहार मे बिजली के ट्रांसमिशन, सप्लाई और बिल वसूली से लेकर सारे कामकाज बिहार पावर होल्डिंग कंपनी के जिम्मे है. पावर होल्डिंग कंपनी के अधीन नार्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी और साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी है. यही दो कंपनियां पूरे बिहार में लोगों तक बिजली पहुंचाती है और फिर बिल वसूलती है. इन्हीं सारी कंपनियों के साहबों को गाड़ी देने के लिए टेंडर निकाला गया है.
लक्जरी गाड़ियां की लंबी सूची
बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी लिमिटेड की ओर से अपने अधिकारियों के लिए गाड़ी भाड़े पर रखने के लिए टेंडर निकाली गयी है. इस टेंडर में शामिल गाड़ियों की सूची बता रही है कि साहबों की चाहत कितनी बड़ी है. वह भी आम लोगों की गाढ़ी कमाई के दम पर. देखिये किन गाड़ियों को भाड़े पर रखने का टेंडर निकाला गया है.
बिहार की बिजली कंपनी ने अपने अधिकारियों के लिए 48 तरह की गाड़ियों की सूची तैयार की है. इनमें सबसे पहला नाम टायोटा की गाड़ी फार्च्यूनर का है. बिहार में इस गाड़ी की ऑन रोड कीमत 60 लाख रूपये तक है. दूसरी गाड़ी फोर्ड की इंडेवर है. वैसे तो फोर्ड ने भारत से अपना कारोबार समेट लिया है. लेकिन इस गाड़ी की कीमत भी 40-45 तक है. इनोवा की गाड़ी क्रिस्टा भी इस सूची में है, जिसकी कीमत भी 30-32 लाख तक है.
लोगों के पैसे से अधिकारियों की मौज
बिहार में ना सिर्फ स्मार्ट मीटर बल्कि बिजली के रेट पर भी सवाल उठते रहे हैं. विपक्षी पार्टियों का आरोप है कि बिहार के लोगों को देश में सबसे मंहगी बिजली दी जा रही है. लेकिन बिजली कंपनी के अधिकारी जिस आलीशान गाड़ी पर चलेंगे वह जनता के पैसे का ही होगा.