Bihar Job: बिहार के इस जिले में सीधी बहाली, बस एक कागज जरुरी Train News: रेलवे ने वेटिंग लिस्ट के समय में किया बड़ा बदलाव, अब टिकट चार्ट 24 घंटे पहले होगा तैयार Bihar Crime News: पूर्व मुखिया की बेरहमी से हत्या, दूसरे के घर से लाश बरामद Bihar News: वर्षों का इंतजार ख़त्म, 13.69 करोड़ की लागत से बिहार के इस शहर में नई फोरलेन सड़क का निर्माण Bihar Litchi: प्रदेश में 50% घटी लीची की पैदावार, छिन जाएगा सबसे बड़े उत्पादक राज्य का दर्जा? Lalu Yadav Birthday: राजद सुप्रीमो लालू यादव का 78वां जन्मदिन आज, पार्टी ने की खास तैयारियां Bihar Weather: राज्य को भीषण गर्मी से राहत जल्द, IMD का अलर्ट जारी गयाजी में 21 से 23 जून तक माता ललिता महायज्ञ का आयोजन, देश भर से श्रद्धालुओं का होगा आगमन VIDEO VIRAL: बाप बड़ा ना भईया सबसे बड़ा रूपया: पैसों को लेकर छपरा में जमकर मारपीट, महिला और बुजुर्गों को भी नहीं छोड़ा GOPALGANJ: 8 साल के बच्चे की अपहरण के बाद हत्या, दो आरोपियों को पुलिस ने दबोचा
1st Bihar Published by: HARERAM DAS Updated Tue, 30 Apr 2024 08:21:40 PM IST
- फ़ोटो
BEGUSARAI: पांच साल पहले एक युवती की हत्या कर दी गयी थी। लेकिन घटना के 5 साल बाद भी एफआईआर पुलिस ने दर्ज नहीं किया। जबकि पीड़ित परिवार केस दर्ज कराने के लिए थाने में भटकता रहा। आज इस मामले में बेगूसराय कोर्ट में सुनवाई की गयी। मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी शबा आलम ने परिवाद पत्र 1737 /2019 की सुनवाई करते हुए परिवाद पत्र के आलोक में प्राथमिकी दर्ज होने तक मुफ्फसिल मुफ्फसिल थाने के थानाअध्यक्ष का वेतन रोकने का आदेश दिया है।
बता दें कि मुफ्फसिल थाना के भैरवार निवासी आशा देवी की बेटी की हत्या 5 साल पहले कर दी गयी थी उन्होंने प्राथमिकी दर्ज कराने की पूरी कोशिश की लेकिन एफआईआर दर्ज नहीं हो सका जिसके बाद अपनी बेटी की हत्यारों को सजा दिलाने के लिए उन्होंने एक परिवाद पत्र बेगूसराय कोर्ट में दाखिल कर दिया। आशा देवी ने अपने परिवाद पत्र में यह आरोप लगाया कि सितंबर 2019 में उसकी पुत्री सुमन कुमारी की हत्या लखीसराय जिले के मेदनी चौकी थाना निवासी मुकेश पोद्दार, विजय पोद्दार, किरण देवी, खुशबू कुमारी, करिश्मा कुमारी और दिव्य प्रकाश उर्फ चंदन ने कर दी।
थाने में केस दर्ज नहीं होने पर हत्या के इस मामले को लेकर आशा देवी के कोर्ट में परिवाद पत्र दायर किया। जिस पर सुनवाई के बाद न्यायालय ने 11 सितंबर 2019 को मुफ्फसिल थानेदार को आदेश दिया कि परिवाद पत्र के आलोक में प्राथमिकी दर्ज किया जाए। आशा देवी के अधिवक्ता अमित कुमार ने आज न्यायालय को बताया कि इन पांच वर्षों में कोर्ट प्राथमिकी दर्ज करने के लिए मुफस्सिल थाना को कई बार निर्देश दे चुकी है। थानेदार को कोर्ट में उपस्थित होने का भी निर्देश दे चुकी है। लेकिन आज तक ना तो थानेदार ने प्राथमिकी दर्ज की और ना ही कोर्ट में पेश हुए यहां तक की स्पष्टीकरण तक नहीं दिया। आज न्यायालय ने सख्त रूप अपनाते हुए मुफ्फसिल थानाध्यक्ष का वेतन रोकने का आदेश दे दिया।