PATNA : बिहार में 15 अक्टूबर से बालू खनन शुरू करने का निर्देश दिया गया है। बिहार में अब बालू घाटों की संख्या बढ़कर 984 हो गई है। पहले यह संख्या 580 थी।
वहीं, इनकी संख्या बढ़ने की मुख्य वजह बड़े घाटों को छोटी-छोटी इकाइयों में विभाजित करना है। इन सभी 400 नए बालू घाटों पर खनन की प्रक्रिया जल्द शुरू हो जाएगी। नए और पहले से बचे हुए तमाम बालू घाटों की नीलामी की प्रक्रिया तेजी से चल रही है।
राज्य में 15 अक्टूबर से बालू खनन की गतिविधि फिर से शुरू होने जा रही है। साथ ही बालू घाटों की नीलामी की गति तेज हो जाएगी। राष्ट्रीय ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के आदेश पर बरसात में बालू खनन गतिविधि बंद रहती है। हालांकि खान एवं भूतत्व विभाग की तैयारी अधिकतर बालू घाटों की नीलामी कराने की है।
373 घाटों की नीलामी हुई पूरी अब तक 373 घाटों की नीलामी हुई है। 611 घाटों की नीलामी की प्रक्रिया जारी है। पहले से मौजूद 580 घाटों में करीब 250 ऐसे हैं, जिनका आकार या क्षेत्रफल काफी बड़ा होने के कारण इनकी नीलामी नहीं हो पा रही थी। विभाग के स्तर पर समीक्षा के बाद इन घाटों को कई छोटी इकाइयों में विभाजित की गई। इससे घाटों की संख्या में करीब 400 की वृद्धि हुई और मौजूदा समय में यह बढ़कर 984 तक पहुंच गई। राज्य में अब तक 237 बालू घाटों के लिए पर्यावरण स्वीकृति मिल चुकी है, लेकिन 152 बालू घाटों पर ही अभी बालू खनन की प्रक्रिया शुरू हो पाई है।
इधर, राज्यभर में खनन गतिविधि शुरू होने के साथ ही नीलामी की प्रक्रिया तेजी से संपन्न होगी और खनन वाले घाटों की संख्या बढ़ेगी। सभी घाटों पर अवैध खनन के साथ ही ओवरलोडिंग रोकने के लिए धर्म कांटा, चेकपोस्ट समेत तमाम इंतजाम किए गए हैं। खनिज ढोने वाले वाहनों पर लाल पट्टी से लाइसेंस संख्या समेत अन्य जानकारी लिखना अनिवार्य कर दिया गया है। साथ ही वाहनों में जीपीएस लगाना अनिवार्य है।