31 मई तक टला शिक्षक बहाली का मामला, हाईकोर्ट में सोमवार को होगी सुनवाई

31 मई तक टला शिक्षक बहाली का मामला, हाईकोर्ट में सोमवार को होगी सुनवाई

PATNA : इस वक्त एक बड़ी खबर पटना से सामने आ रही है. करीब दो साल से बिहार में शिक्षक बहाली का इंतजार कर रहे अभ्यर्थियों को अभी और इंतजार करना पड़ सकता है. बिहार के प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों में शिक्षकों की बहाली का मामला अब 31 मई तक टल गया है. पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ इस मामले पर सुनवाई सोमवार को सुनवाई करेगी.


नीतीश सरकार की अपील के बाद शुक्रवार को हाईकोर्ट में इस मामले की सुनवाई होने वाली थी. राज्य सरकार से जुड़े अधिकारी विश्वास जता रहे थे कि आज बहाली के लिए इंतजार कर रहे अभ्यर्थियों को बड़ी खुशखबरी मिल सकती है. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. कैंडिडेट को अभी और इंतजार करना पड़ सकता है. क्योंकि इस मामले की सुनवाई फिलहाल अधूरी है.


दरअसल बिहार सरकार ने पटना हाईकोर्ट से अनुरोध किया था कि शिक्षक नियुक्ति पर लगी रोक के मामले की प्राथमिकता के आधार पर सुनवाई की जाये. शिक्षक नियुक्ति में दिव्यांगों को आरक्षण को लेकर नेशनल ब्लाइंड फेडरेशन ने याचिका दायर की थी, जिसके बाद नियुक्ति पर रोक लगा दी गयी थी. राज्य सरकार की अपील पर हाईकोर्ट ने 28 मई को सुनवाई की तिथि निर्धारित की थी. हाईकोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई के लिए जिन मामलों की स्वीकृति दी थी, उसमें नेशनल ब्लाइंट फेडरेशन का मामला सबसे पहले नंबर पर रखा गया था.


बिहार सरकार के अधिकारियों को पूरा भरोसा था कि आज शुक्रवार को हाईकोर्ट नियुक्ति पर लगी रोक हटा सकता है. दरअसल इस की सुनवाई यानि मेंशनिंग के समय ही बिहार के महाधिवक्ता ललित किशोर ने हाईकोर्ट को ये कहा था कि राज्य सरकार दिव्यांगों को शिक्षक नियोजन में 4 फीसदी आरक्षण देने को तैयार है. नेशनल ब्लाइंड फेडरेशन की ओर से जो याचिका दायर की गयी है, उसमें दिव्यांगों के लिए चार फीसदी आरक्षण की ही मांग की गयी है. राज्य सरकार आरक्षण देने को तैयार है.


आपको बता दें कि नीतीश सरकार ये भी कह चुकी है कि हाईकोर्ट को जितनी सीटों पर आरक्षण देने न्यायसंगत लग रहा हो उतनी सीटों को रोक कर बाकी सीटों पर बहाली की मंजूरी दी जाये. सूबे के शिक्षामंत्री विजय चौधरी कह चुके हैं कि जिस दिन हाईकोर्ट नियुक्ति पर से रोक हटायेगा उसके अगले दिन से बिहार सरकार नियुक्ति प्रक्रिया शुरू कर देगी. सरकार चाहती है कि कोरोना को लेकर स्कूलों के बंद रहने के दौरान ही नियुक्ति पूरी कर ली जाये ताकि जब स्कूल खुलें तो छात्रों को ठीक से शिक्षा दी जा सके.