2023 में नीतीश की कुर्सी जाने की खबर से बौखलाए JDU नेता:उपेंद्र कुशवाहा ने साधा निशाना

2023 में नीतीश की कुर्सी जाने की खबर से बौखलाए JDU नेता:उपेंद्र कुशवाहा ने साधा निशाना

PATNA: 2023 में नीतीश के CM की कुर्सी छोड़ने और तेजस्वी के मुख्यमंत्री बनने की खबर सामने आने के JDU में भारी बेचैनी फैल गयी है. बौखलाए JDU नेताओं ने RJD पर ही निशाना साधा है. हालांकि JDU में भारी अफरातफरी मची है जो थमती हुई नहीं नजर आ रही है।


बता दें कि RJD के प्रदेश अध्यक्ष और लालू- तेजस्वी के सबसे करीबी नेता माने जाने वाले जगदानंद सिंह ने आज RJD-JDU के बीच हुई डील का खुलासा कर दिया था. First Bihar पर खबर आने के बाद JDU में खलबली मची. इसके बाद JDU संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा सामने आये. उपेंद्र कुशवाहा ने ट्विटर पर लिखा है..जगदा बाबू का बयान उस पिता के एक्शन की तरह है जो किसी अनहोनी के भय से अपने बेटा या बेटी की शादी जैसे-तैसे निपटा लेना चाहता है. "


दिलचस्प बात ये है कि उपेंद्र कुशवाहा या फिर JDU का कोई दूसरा बड़ा नेता जगदानंद सिंह के बयान का खंडन भी नहीं कर पा रहे हैं. उपेंद्र कुशवाहा के ट्वीट का भी यही मतलब निकाला जा रहा है कि नीतीश थोड़ा देर से CM की कुर्सी छोड़ना चाहते हैं और RJD जल्दबाज़ी कर रही है. JDU की स्थिति ऐसी भी नहीँ है कि वो खुलकर ये कह सके कि नीतीश CM की कुर्सी नहीं छोड़ेंगे. 


दरअसल राजद के प्रदेश अध्यक्ष औऱ लालू-तेजस्वी के सबसे करीबी नेता माने जाने वाले जगदानंद सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा था “नीतीश कुमार ने जो घोषणा की है उसके अनुसार हमें लगता है कि वे 2022 बीतने के बाद देश की लड़ाई लडेगे और 2023 में बिहार के भविष्य की लड़ाई तेजस्वी के हाथों के सौंप देंगे.”


मीडिया ने सवाल पूछा कि क्या नीतीश 2023 में तेजस्वी को सीएम पद सौंपकर देश की लड़ाई लडेंगे. जगदानंद सिंह ने कहा “नहीं तो और क्या. सीएम पद के साथ ही तेजस्वी बिहार की कमान संभालेंगे. किसी राज्य में सीएम का पद ही तो प्रशासनिक ओहदा होता है. किसी राज्य का सीएम ही कार्यपालिका के प्रधान होने के नाते राज्य को नयी दिशा में ले जा सकता है.  नीतीश का देश इंतजार कर रहा है और बिहार इंतजार कर रहा है तेजस्वी का.”


राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के इस बयान के बाद बिहार में पाला बदल से पहले हुई डीलिंग सामने आ गयी है. दरअसल 2020 के विधानसभा चुनाव के बाद तेजस्वी बार-बार ये कह रहे थे कि वे किसी सूरत में नीतीश कुमार जैसे पलटीमार नेता से हाथ नहीं मिलायेंगे. लेकिन अचानक से पिछले महीने यानि अगस्त 2021 में तेजस्वी का हृदय परिवर्तन हुआ औऱ वे नीतीश कुमार की सरकार में डिप्टी सीएम बन गये. जेडीयू से लगभग दो गुणा विधायक होने के बाद भी तेजस्वी का डिप्टी सीएम बनकर संतुष्ट हो जाना सियासी जानकारों को हैरान कर रहा था. आज ये साफ हो गया कि डीलिंग क्या हुई है.


वैसे भी कल ही राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने कहा था कि वे तेजस्वी को बिहार का मुख्यमंत्री बनते देखना चाहते हैं. लालू यादव ने ये भी कहा था कि नीतीश देश की राजनीति करेंगे. लालू ने खुलकर ये नहीं बताया था कि कब नीतीश देश की राजनीति करेंगे और कब तेजस्वी सीएम बनेंगे. लेकिन लालू-तेजस्वी के सबसे करीबी नेता माने जाने वाले जगदानंद सिंह के बयान से सब साफ कर दिया है. 


बता दें कि जगदानंद सिंह को लालू-तेजस्वी ने दोबारा राजद का प्रदेश अध्यक्ष बनाया है. जगदानंद सिंह के बेटे सुधाकर सिंह नीतीश मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री हैं. सुधाकर सिंह भ्रष्टाचार को लेकर अपने बयानों से काफी चर्चे में रह रहे हैं. उधर राजद के सम्मेलन में पार्टी के वरीय नेता शिवानंद तिवारी कह चुके हैं कि 2025 के बाद नीतीश कुमार को आश्रम खोल लेना चाहिये.