DESK : दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी है। वह 17 महीनों बाद जेल से बाहर निकलने जा रहे हैं।शराब नीति मामले में सिसोदिया को पिछले साल 26 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था। न्यायमूर्ति बी. आर. गवई और न्यायमूर्ति के. वी. विश्वनाथन की पीठ ने इस मामले में फैसला सुनाया है।
दरअसल, दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 के निर्माण व कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं में संलिप्तता के लिए 26 फरवरी 2023 को सीबीआई के तरफ से गिरफ्तार किए गए दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री मनीष सिसोदिया के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने 6 अगस्त को पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। उसके बाद अब यह फैसला सुनाया गया है।
सुनवाई के दौरान मनीष सिदोतिया के वकील ने कहा कि अक्टूबर में हमें बताया गया था कि 6-8 महीने में मुकदमा पूरा हो सकता है। हमने कहा था कि अगर ऐसा न हुआ तो आरोपी दोबारा ज़मानत की मांग कर सकता है। आरोपी लंबे समय से जेल में है। ऐसे में इन्हें PMLA सेक्शन 45 में दी गई ज़मानत की कड़ी शर्तों से रियायत की मांग की गई। वहीं जांच एजेंसी ने आरोपी को मुकदमे में देरी के लिए जिम्मेदार बताया।
कोर्ट ने कहा कि सिसोदिया की जड़ें समाज में गहरी जुड़ीं हैं और इसलिए वह भाग नहीं सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सबूत जब्त किए जा चुके हैं और इसलिए इनसे छेड़छाड़ की संभावना नहीं है। कोर्ट ने जांच एजेंसियों की इस दलील को भी खारिज कर दिया कि ट्रायल में देरी की वजह खुद मनीष सिसोदिया हैं। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि ट्रायल में देरी के मामलों में निचली अदालतों को उदारता से जमानत पर विचार करना चाहिए।