DESK : कोलकाता डॉक्टर रेप केस के मामले में आज यानी सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान शीर्ष अदालत ने कहा कि इस घटना में लापरवाही बरती गई है। कोलकाता पुलिस ने 14 घंटे की देरी से FIR दर्ज की। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने प्रदर्शनकारी डॉक्टरों को कल यानी मंगलवार शाम 5 बजे तक काम पर लौटने का निर्देश दिया।
वहीं, इस पूरे मामले की जांच के लिए सीबीआई को एक हफ्ते का समय दिया। सीबीआई को अब 17 सितंबर तक फ्रेश स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करना होगा। राज्य सरकार और CBI दोनों ने आज कोलकाता केस को लेकर अपनी-अपनी स्टेटस रिपोर्ट्स दाखिल की थी। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 9 अगस्त को एक जूनियर महिला डॉक्टर की रेप के बाद हत्या कर दी गई थी।
इसके साथ ही सुनवाई के दौरान बंगाल सरकार की ओर से पेश वकील सिब्बल ने कोर्ट में कहा कि पुलिस की अनुमति के बिना हर जगह विरोध प्रदर्शन हो रहा है, हम क्या करें? यह अब कुछ और होता जा रहा है. 41 पुलिस पर्सनल प्रभावित हुए। पुलिस को इलाज से वंचित किया जा रहा है। सीजेआई ने कहा कि जो डॉक्टर काम पर लौट रहे हैं. उनके खिलाफ दंडात्मक या कोई कदम नहीं उठाया जाएगा।
वहीं, सीजेआई ने आदेश में दर्ज किया कि हलफनामे में राज्य सरकार ने संकेत दिया कि सुरक्षा उपायों को पूरा करने के लिए धन स्वीकृत किया गया है। इसकी निगरानी जिला कलेक्टरों द्वारा की जाएगी। विश्वास की भावना पैदा करने के लिए हम कहते हैं कि यदि डॉक्टर कल शाम 5 बजे तक काम पर आ जाते हैं तो प्रतिकूल कार्रवाई नहीं होगी। सुविधाएं दिए जाने के बावजूद लगातार काम पर नहीं रहने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। CJI ने डॉक्टर संघ कि तरफ से पेश वकील से कहा कि आपको काम पर लौटना होगा अन्यथा अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी।