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1st Bihar Published by: DEEPAK Updated Sat, 14 May 2022 03:14:06 PM IST
NALANDA: बच्चों में भगवान बसते हैं बच्चे कभी झूठ नहीं बोलते। हरनौत के नीमाकौल निवासी छठी कक्षा के छात्र सोनू ने शराबबंदी और शिक्षा व्यवस्था की हकीकत बताने की कोशिश की है। सोनू की बातों को सुनकर खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी हैरान रह गये। 11 साल के सोनू का कहना था कि उसके पापा दही बेचते हैं लेकिन शराब और ताड़ी की लत के कारण सारे पैसे उसी में उड़ा देते हैं। मेरी इच्छा पढ़ने की है मैं बड़ा होकर आईएएस या आईपीएस बनता चाहता हूं लेकिन पैसे के अभाव में वह प्राइवेट स्कूल में नहीं पढ़ सकता और सरकारी स्कूलों में वह जाना नहीं चाहता। क्योंकि उसका कहना है कि सरकारी स्कूलों में बेहतर पढ़ाई नहीं होती है। स्कूल के टीचर को इंग्लिश तक नहीं आती है। उसकी बातों को सुनकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और वहां मौजूद अधिकारी भी दंग रह गये।
दरअसल पत्नी स्वर्गीय मंजू सिन्हा की 16वीं पुण्यतिथि पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमा नालंदा के हरनौत स्थित कल्याण बिगहा पहुंचे थे। इस दौरान कल्याण विगहा स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय में जनसंवाद कार्यक्रम में वे शामिल हुए और लोगों की समस्याएं सुनी। इस दौरान 11 साल का बच्चा सोनू कुमार साइकिल चलाकर खुद जनसंवाद में पहुंच गया। जन संवाद में सोनू ने अपनी बातें मुख्यमंत्री के समक्ष रखी। जिसे सुनकर सीएम भी हैरान रह गये। सोनू ने बताया कि वह हरनौत प्रखंड के नीमाकौल गांव का रहने वाला है। सोनू कुमार ने जन संवाद में सीएम नीतीश कुमार से मुलाकात की और कड़वे सच को कहने का काम किया। छोटे से बच्चे ने नीतीश कुमार के सामने शिक्षा की बदहाली और शराबबंदी की हकीकत से सीएम नीतीश को अवगत कराया।
सोनू ने बताया कि इसके पिता दही की दुकान से जो भी पैसे कमाते है उसका उपयोग वे शराब पीने में करते है। घर का माली हालत ठीक नहीं है जिसके कारण वह सरकारी स्कूल में पढ़ने को विवश है। वह मध्य विद्यालय नीमाकौल के सरकारी स्कूल में पढ़ता है।सोनू ने जो कुछ बताया वह बिहार की शिक्षा व्यवस्था की पोल खोलने को काफी है। उसका कहना है कि सरकारी स्कूलों में शिक्षा की स्थिति सही नहीं है। सरकारी स्कूलों के शिक्षक अच्छी गुणवत्ता वाली शिक्षा बच्चों को नहीं दे पात है। छोटे से बच्चे ने खुद इस बात का खुलासा किया है। बच्चे ने सीएम नीतीश के आंखों में आंखे डालकर बिहार में बदहा शिक्षा व्यवस्था और शराबबंदी की असफलता को बताया।
सोनू का कहना था कि यदि सरकार हमें मदद करें तो मैं भी पढ़ लिखकर आईएएस या आईपीएस बनना चाहता हूं। सोनू का कहना है कि सरकारी स्कूल में शिक्षा की स्थिति बद से बदतर है। मेरे पापा शराब और ताड़ी पीते है सारा पैसा खर्च हो जाता है। हम पासवान नगर में ट्यूशन पढ़ाते है जो पैसा मिलता है उसे पापा ले लेते है। मुख्यमंत्री जी को अपनी परेशानी बतायी। इस संबंध में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये है।
सोनू ने बताया कि इससे पहले भी सीएम हरनौत आए थे तब उस वक्त मुलाकात नहीं हुई थी निराश होकर अपने घर लौट गया था। उसका कहना है कि सरकारी स्कूलों में पढ़ाई नहीं होती है। मास्टर साहब को ही पढ़ाना नहीं आता है। दीपक सर है जिनको इंग्लिश तक नहीं आती है। बच्चे की काबिलियत इसी से झलकता है कि सोनू छठी कक्षा में पढ़कर 5 वीं कक्षा तक के 40 बच्चों को शिक्षा देकर अपनी पढ़ाई का खर्च निकालता है। वही इस छोटे से बच्चे के हिम्मत को देखकर अधिकारी से लेकर नेता तक दंग रह गए। बच्चा होनहार है वह आगे की पढ़ाई अच्छे स्कूल में करना चाहता है लेकिन उसकी आर्थिक स्थिति बहुत खराब है। वह सरकारी स्कूल में नहीं पढ़ना चाहता।
उसका कहना था कि सरकारी स्कूलों में अच्छी शिक्षा नहीं मिलती है। मास्टर साहब को ही पढ़ाना नहीं आता है। दीपक सर को तो इंग्लिश ही नहीं आती है। नर्सरी से पांचवी कक्षा के छात्र-छात्राओं को वह पढ़ाता हैं। मुख्यमंत्री से मिलते ही सोनू हाथ जोड़ते हुए कहा कि सर प्रणाम सर हमकों गार्जियन नहीं पढ़ाना चाहते हैं हम पढ़ना चाहते है। सरकारी स्कूलों में पढ़ाई नहीं होती है प्राइवेट स्कूल में पढ़ना चाहते है लेकिन पैसे नहीं है कि पढ़ाई कर सके। वह खुद पढ़ता है और बच्चों को पढ़ाता है और आगे की पढ़ाई के लिए चाह भी रखता है लेकिन गार्जियन है कि उसे पढ़ाते नहीं है। अपनी इसी समस्या को लेकर वह साइकिल चलाते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलने कल्याण विगहा पहुंचा और अपनी बातें रखी। बच्चे की बातें सुनकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी हैरान रह गये उन्होंने अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए।