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KISHANGANJ: बिहार में आए दिन पुल के गिरने का मामला सामने आ रहा है। 10 दिनों के भीतर बिहार में 4 पुल गिरने से लोग भी हैरान है। 3 जिले में पुल के गिरने की घटना सामने आ चुकी है। जिसमें अररिया, सिवान और पूर्वी चंपारण में पुल गिरने की घटना सामने आई थी। अब चौथे पुल के गिरने की घटना बिहार के किशनगंज से सामने आ रही है। किशनगंज में 70 मीटर लंबे पुल का पिलर अचानक ढह गया। जिसे लेकर लोगों में खासा आक्रोश देखने को मिल रहा है। वहां के लोग नये ब्रिज की मांग कर रहे हैं। इस पुल को भ्रष्टाचार की भेट चढ़ने की बात कर रहे हैं। किशनगंज में पुल का पिलर गिरने की पुष्टि डीएम ने भी कर दी है।
बता दें कि 18 जून को अररिया के सिकटी में बकरा नदी पर 12 करोड़ का एक पुल गिरने का मामला सामने आया था। जिसके 4 दिन बाद 22 जून को सिवान में दरौंदा और महाराजगंज ब्लॉक को जोड़ने वाली नहर पर बना पुल गिर गया था। वही पुल गिरने की तीसरी घटना पूर्वी चंपारण के मोतिहारी में 23 जून को सामने आया। मोतिहारी के घोड़ासहन ब्लॉक में निर्माणाधीन पुल गिर गया था।
अभी पुल निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल उठ ही रहा था कि फिर पुल गिरने की चौथी घटना सामने आ गयी। इस बार बिहार के किशनगंज में 70 मीटर लंबे पुल का पिलर अचानक ढह गया। दस दिनों के भीतर पुल गिरने की यह चौथी घटना है जो किशनगंज में हुई है। जहां कनकई और महानंद नदी को जोड़ने वाली सहायक नदी पर बना पुल अचानक ढह जाने से इलाके में हड़कंप मच गया।
किशनगंज के डीएम तुषार सिंगला ने इस बात की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि किशनगंज के बहादुरगंज स्थित 70 मीटर लंबा और 12 मीटर चौड़ा एक पुल अचानक भरभराकर गिर गया। साल 2011 में 25 लाख की लागत से इस पुल को बनाया गया था। नेपाल में भारी बारिश के कारण नदियों के जलस्तर में अचानक वृद्धि हुई है।
पानी की तेज धारा पुल बर्दाश्त नहीं कर पाया और टूटकर गिर गया। इस घटना में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। ग्रामीणों की माने तो 2011 में पुल बना जिसके निर्माण में कमीशन का खेल ऐसा हुआ कि 6 साल में ही पुल डैमेज हो गया था। इधर कुछ दिन पहले से यह पुल धंसना शुरू हुआ था। अब पुल के बीच का हिस्सा पूरी तरह धंस गया। पुल का पिलर ढह जाने से लोगों में खासा आक्रोश देखा जा रहा है। वहां के ग्रामीण नये पुल की मांग कर रहे हैं और इस पुल को लेकर कई सवाल कर रहे हैं।