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1st Bihar Published by: FIRST BIHAR Updated Thu, 04 Sep 2025 03:13:27 PM IST
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Sapna Chaudhary Success: हरियाणा की मशहूर सिंगर और डांसर सपना चौधरी आज भले ही एक लग्जरी जीवन जीती हों और देशभर में उनकी लोकप्रियता हो, लेकिन उनकी जिंदगी का सफर बेहद दर्दनाक और संघर्षों से भरा रहा है। हाल ही में एक साक्षात्कार में सपना ने अपने अतीत से जुड़े कई गंभीर और भावुक कर देने वाले पहलुओं को साझा किया।
सपना चौधरी ने बताया कि उनके पिता का निधन तब हुआ जब वह बहुत छोटी थीं। पिता के निधन के बाद परिवार की आर्थिक जिम्मेदारियां अचानक उनके ऊपर आ गईं। मजबूरी में उन्हें स्टेज परफॉर्मेंस करनी पड़ी। उस समय समाज ने उनके इस पेशे को गंभीरता से न लेकर, उल्टा उन्हें तिरस्कार और अपमान का सामना करने पर मजबूर कर दिया।
उन्होंने कहा कि लोग उनके लिए "नचनिया", "दो पैसे की लड़की" जैसे अपमानजनक शब्दों का प्रयोग करते थे। कई लोग यह भी कहते कि "वो तो बस नाचती है, इसमें शर्म की बात है", या "इज्जत नाम की चीज नहीं है इसमें।" सोशल मीडिया और आम लोगों के बयानों ने उन्हें मानसिक रूप से तोड़कर रख दिया था। एक और घटना के बारे में बताते हुए सपना ने कहा कि उन्होंने एक रागिनी गाई थी, जो पहले से कई कलाकार गा चुके थे। लेकिन जब उन्होंने गाया, तब उन पर SC/ST एक्ट के तहत केस दर्ज कर दिया गया। यह मामला उन्हें गहरे मानसिक दबाव में ले गया।
सपना ने कहा कि उसी वक्त मेरा नाम चल रहा था, इसलिए मुझे निशाना बनाया गया। इस विवाद के बाद जब उन्हें गालियाँ मिलने लगीं और ट्रोलिंग चरम पर पहुंच गई, तो उनकी मां ने डर के कारण उन्हें 15 दिनों तक एक कमरे में छिपाकर रखा ताकि कोई नुकसान न पहुँचा सके। सपना बताती हैं कि मां ने लोगों से मदद माँगी, लेकिन समाज ने उनकी मां की पीड़ा का मजाक उड़ाया। इसी मानसिक दबाव और अपमान के कारण सपना ने एक बार आत्महत्या का प्रयास भी किया।
उन्होंने बताया कि उन्होंने नींद की बहुत सारी गोलियां खा लीं और सात दिन तक बेहोश रहीं। जब होश आया, तब उन्होंने अपनी मां को रोते हुए देखा और उन्हें महसूस हुआ कि उन्होंने बहुत गलत कदम उठाया। इसके बाद सपना ने ठान लिया कि वह कभी भी हालातों से हार नहीं मानेंगी। उन्होंने अपने करियर को मजबूती से फिर से खड़ा किया और समाज की आलोचनाओं से ऊपर उठकर एक मिसाल कायम की। आज वह सिर्फ एक कलाकार ही नहीं, बल्कि उन हजारों लड़कियों के लिए प्रेरणा हैं जो कठिन परिस्थितियों में भी अपने सपनों को छोड़ती नहीं हैं।
सपना की यह कहानी न केवल उनके आत्मविश्वास और साहस को दर्शाती है, बल्कि यह भी बताती है कि कैसे सामाजिक सोच और ट्रोलिंग किसी के जीवन को बर्बादी की कगार तक पहुंचा सकती है और वहीं से एक नई शुरुआत भी की जा सकती है।