Dhurandhar Movie: धुरंधर के बाद स्पाई वर्ल्ड में बढ़ी दिलचस्पी, असल जासूस ने बताया फिल्म और हकीकत का फर्क

Dhurandhar Movie: रणवीर सिंह की फिल्म धुरंधर के बाद जासूसी की दुनिया में रुचि बढ़ी है। पूर्व स्पाई लकी बिष्ट ने बताया कि असल जिंदगी में जासूसी फिल्मी नहीं होती और जासूस मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं।

1st Bihar Published by: FIRST BIHAR Updated Mon, 15 Dec 2025 04:04:50 PM IST

Dhurandhar Movie

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Dhurandhar Movie: रणवीर सिंह की हालिया फिल्म धुरंधर देखने के बाद लोगों में जासूसी की दुनिया को लेकर जबरदस्त उत्सुकता देखने को मिल रही है। सोशल मीडिया पर “स्पाई लाइफ”, “रॉ एजेंट”, और “अंडरकवर ऑपरेशन” जैसे कीवर्ड्स खूब सर्च किए जा रहे हैं। लेकिन सवाल यह है कि क्या असल जिंदगी के जासूस वाकई फिल्मी स्पाई जैसे ही होते हैं?


सोशल मीडिया पर खुद को पूर्व स्पाई बताने वाले लकी बिष्ट, जो इन दिनों काफी चर्चा में हैं, ने एक आरजे को दिए इंटरव्यू में इस सवाल का जवाब दिया। लकी बिष्ट के मुताबिक, धुरंधर एक एंटरटेनिंग फिल्म है, लेकिन सच्चाई इससे काफी अलग होती है।


लकी ने कहा, “फिल्म ने मुझे खूब एंटरटेन किया, लेकिन असल जिंदगी में जासूसी इतनी ग्लैमरस नहीं होती। पूरी फिल्म देखने के बाद एक सीन मुझे रियलिटी के काफी करीब लगा — जब हम एलओसी (LOC) क्रॉस करते हैं, तो हमारी सारी ताकत खत्म हो जाती है। हम जानते हैं कि हमारे साथ गलत हो रहा है, लेकिन उस वक्त हम कुछ भी करने की स्थिति में नहीं होते।”


फिल्म को लेकर उठी एक कंट्रोवर्सी पर भी लकी बिष्ट ने अपनी बात रखी। कुछ लोगों का दावा है कि धुरंधर दिवंगत RAW अधिकारी मोहित शर्मा की जिंदगी पर आधारित है। इस पर लकी ने साफ कहा, “मोहित शर्मा सर पूरी तरह अलग ऑपरेशन्स में थे। इस फिल्म से उनका कोई कनेक्शन नहीं है।”


लकी बिष्ट ने फिल्म की सीक्वल को लेकर भी अनुमान लगाया। उन्होंने कहा कि फिल्म में रणवीर सिंह के किरदार का बैकग्राउंड नहीं दिखाया गया है, संभव है कि दूसरे पार्ट में उसकी ट्रेनिंग और पिछली जिंदगी को दिखाया जाए।


इंटरव्यू के दौरान लकी ने बताया कि असल जिंदगी में जासूस मुख्य रूप से दो तरह के होते हैं। पहले वे, जिनका आर्मी या सिक्योरिटी फोर्सेज का बैकग्राउंड होता है। दूसरे वे लोग, जिनकी जिंदगी किसी कारणवश जेल तक पहुंच जाती है, लेकिन सरकार उन्हें देश के काम में लगाने का फैसला करती है। ऐसे लोग मूल रूप से बुरे नहीं होते, बल्कि परिस्थितियों की वजह से कानून तोड़ बैठते हैं और बाद में उन्हें स्पेशल एजेंट के रूप में तैयार किया जाता है।


गौरतलब है कि लकी बिष्ट एक पूर्व एनएसजी कमांडो और जासूस रह चुके हैं। वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निजी सुरक्षा अधिकारी के तौर पर भी काम कर चुके हैं। साल 2009 में उन्हें भारत के सर्वश्रेष्ठ एनएसजी कमांडो का पुरस्कार भी मिल चुका है।