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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 10 Jul 2025 03:02:18 PM IST
                    
                    
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Life Style: भीषण गर्मी के बाद मानसून के दस्तक से एक अलग ही सुकून होता है। कई राज्यों में झमाझम बारिश का सिलसिला जारी है, जिससे मौसम तो सुहावना हो गया है, लेकिन इसके साथ ही स्वास्थ्य संबंधी कई परेशानियां भी सामने आने लगी हैं। इन्हीं में से एक है फंगल इंफेक्शन, जो मानसून के दौरान सबसे आम और तेजी से फैलने वाली समस्या बन चुकी है। बारिश के मौसम में वातावरण में नमी, गर्मी और पसीना – ये तीनों मिलकर फंगस को पनपने के लिए आदर्श स्थिति बना देते हैं। इसका असर खासतौर पर स्किन, नाखूनों, पैरों और शरीर की सिलवटों में दिखता है।
मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, वैशाली की स्किन स्पेशलिस्ट डॉ. रितुपूर्णा दाश बताती हैं कि फंगल इंफेक्शन मुख्य रूप से कैंडिडा और डर्मेटोफाइट्स जैसे फंगस के कारण होते हैं। ये नम जगहों पर तेजी से फैलते हैं। ज्यादा पसीना आना, गीले जूते या मोजे पहनना, टाइट कपड़े पहनना और शरीर को सही तरीके से न सुखाना – ये सभी कारण फंगल इंफेक्शन जैसे एथलीट फुट, दाद (टिनिया), और त्वचा में रैशेज को जन्म देते हैं।
ऐसे लक्षणों को न करें नजरअंदाज
त्वचा पर लाल, खुजलीदार, परतदार या फटी सतह
नाखूनों का रंग उड़ना या मोटा होना
गोल घेरे में फैले हुए दाने जिनके बीच में त्वचा साफ हो
बगल, कमर, स्तनों के नीचे या जांघों में लगातार खुजली
फंगल इंफेक्शन से बचाव के आसान और असरदार उपाय
नहाने के बाद शरीर को पूरी तरह सुखाएं, खासतौर पर पैरों की उंगलियों और शरीर के मोड़ों में।
पसीने से बचने के लिए ढीले और सूती कपड़े पहनें।
गीले जूते, मोजे या कपड़े अधिक समय तक न पहनें।
दिन में दो बार स्नान करें, खासकर अगर आप जिम जाते हैं या बाहर खेलते हैं।
एंटी-फंगल पाउडर का इस्तेमाल बगल, कमर और पैरों जैसे संवेदनशील हिस्सों पर करें।
तौलिया, रेजर, मोजे और जूते जैसे पर्सनल आइटम्स कभी शेयर न करें।
मानसून में नाखूनों को छोटा और साफ रखें, ताकि उनमें फंगस न पनपे।
डायबिटीज से पीड़ित लोगों को खास सावधानी बरतनी चाहिए क्योंकि उनकी इम्युनिटी कम होने से इंफेक्शन का खतरा ज्यादा होता है। बिना डॉक्टर की सलाह के किसी भी क्रीम या ओवर-द-काउंटर दवा का प्रयोग न करें, क्योंकि इनमें स्टेरॉयड हो सकते हैं जो इन्फेक्शन को अस्थायी रूप से दबा तो सकते हैं लेकिन बाद में और बिगाड़ सकते हैं। अगर खुजली, दाने, या त्वचा के रंग में बदलाव लगातार बना रहे, या संक्रमण बार-बार लौटता हो, तो तुरंत त्वचा विशेषज्ञ से संपर्क करें।
शुरुआती इलाज से न सिर्फ संक्रमण को फैलने से रोका जा सकता है, बल्कि यह बार-बार होने से भी बचाता है। मानसून का मौसम जितना खुशनुमा होता है, उतना ही सतर्क रहने की जरूरत भी होती है। थोड़ी सी साफ-सफाई और सावधानी से आप इस मौसम का पूरा आनंद ले सकते हैं, वो भी बिना किसी फंगल इंफेक्शन की चिंता के।