Bihar Election 2025: ‘लालू का अपना इतिहास रहा है, वह खुद सजायप्ता हैं’ रीतलाल यादव के लिए रोड शो करने बर बोले दिलीप जायसवाल Bihar Election 2025: ‘लालू का अपना इतिहास रहा है, वह खुद सजायप्ता हैं’ रीतलाल यादव के लिए रोड शो करने बर बोले दिलीप जायसवाल Bihar Election 2025 : पहले चरण के चुनाव प्रचार के आखिर दिन अमित शाह के बड़े वादे,कहा - डिफेंस कॉरिडोर, नई रेललाइन और रामायण सर्किट से बदलेगा बिहार का भविष्य Bihar Election 2025: ‘महाठगबंधन के आधे लोग जेल में हैं, आधे बेल पर’, शिवराज सिंह चौहान का बड़ा हमला Bihar Election 2025: ‘महाठगबंधन के आधे लोग जेल में हैं, आधे बेल पर’, शिवराज सिंह चौहान का बड़ा हमला Success Story: “एक दिन तू अफसर बनेगी…”, 5 साल की उम्र में माता-पिता को खोया, फिर भी नहीं मानी हार; कड़ी मेहनत से बनीं IPS अधिकारी Bihar road accident : बिहार के रोहतास में दर्दनाक सड़क हादसा, ट्रेनी सिपाही और पिता की मौत Hak Movie 2025: कानूनी पचड़े में फंसी इमरान हाशमी और यामी गौतम की फिल्म ‘हक’, कोर्ट पहुंचा शाह बानो का परिवार Bihar Assembly Election 2025 : जानिए आज शाम 5 बजे से किन चीजों पर लग जाएगी रोक, साइलेंस पीरियड लागू होने के बाद आयोग इन चीजों पर रखती हैं सख्त निगरानी Patna News: PMCH में नए चर्म रोग और मेडिसिन वार्ड का उद्घाटन, मरीजों को मिलेगी आधुनिक सुविधाएं
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 19 Sep 2025 08:54:31 AM IST
                    
                    
                    मलेरिया का इलाज - फ़ोटो GOOGLE
India First Malaria Vaccine: भारत ने हेल्थ सेक्टर में एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है। लंबे समय से मलेरिया जैसी जानलेवा बीमारी से जूझ रहे देश ने अब इसका इलाज ढूंढ निकाला है। भारत ने पहली बार खुद की बनाई हुई मलेरिया की वैक्सीन तैयार कर ली है, जिसका नाम एडफाल्सीवैक्स रखा गया है। यह वैक्सीन खास तौर पर मलेरिया के सबसे खतरनाक रूप प्लास्मोडियम फाल्सीपेरम से बचाव के लिए बनाई गई है।
दरअसल, भारत में यह एक ऐतिहासिक कदम इसलिए भी है क्योंकि अब देश मलेरिया के खिलाफ आत्मनिर्भर हो गया है और इस दिशा में दुनिया को भी रास्ता दिखा सकता है। इस नई वैक्सीन से न सिर्फ बीमारियों को रोका जा सकेगा, बल्कि भारत को मलेरिया मुक्त बनाने के मिशन में भी तेजी आएगी।
एडफाल्सीवैक्स एक ऐसी वैक्सीन है जिसे वैज्ञानिकों ने खासतौर पर इस तरह डिजाइन किया है कि यह मलेरिया के परजीवी को शरीर में खून तक पहुंचने से पहले ही रोक देती है। इसका मतलब यह है कि यह वैक्सीन शरीर को उस समय बचा लेती है, जब बीमारी फैलने की शुरुआत भी नहीं हुई होती। इसका एक और बड़ा फायदा यह है कि यह वैक्सीन मलेरिया के संक्रमण को एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक फैलने से भी रोकती है। इस तरह यह सिर्फ इलाज नहीं करती, बल्कि बीमारी के चेन को भी तोड़ती है।
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) ने इस वैक्सीन को बनाने का लाइसेंस देश की पाँच प्रमुख भारतीय कंपनियों को दिया है। ये कंपनियां हैं: इंडियन इम्यूनोलॉजिकल्स लिमिटेड, टेकइन्वेंशन लाइफकेयर प्राइवेट लिमिटेड, पैनेशिया बायोटेक लिमिटेड, बायोलॉजिकल ई लिमिटेड और जाइडस लाइफसाइंसेज। अब ये कंपनियां वैक्सीन का बड़े पैमाने पर उत्पादन करेंगी और इंसानों पर ट्रायल के बाद इसे पूरे देश में उपलब्ध कराया जाएगा।
वहीं, वैज्ञानिकों और डॉक्टरों का मानना है कि एडफाल्सीवैक्स वैक्सीन की यह खासियत इसे मलेरिया के खिलाफ प्रभावी हथियार बनाती है। यह वैक्सीन न केवल रोग के प्रसार को रोकती है, बल्कि मलेरिया के खतरनाक लक्षणों को भी कम करती है, जिससे गंभीर बीमारियों और मौत के मामलों में कमी आएगी। विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि इस वैक्सीन के व्यापक उपयोग से ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों में जहां मलेरिया का खतरा सबसे ज्यादा है, वहां स्थिति में सुधार होगा।
सरकार ने इस वैक्सीन के उत्पादन और वितरण के लिए विशेष पहल की है ताकि इसे देश के दूर-दराज के इलाकों तक भी पहुंचाया जा सके। इसके साथ ही मलेरिया से प्रभावित क्षेत्रों में जागरूकता बढ़ाने और वैक्सीनेशन अभियान तेज करने की योजना भी बनाई गई है। उम्मीद है कि भारत 2030 से पहले ही मलेरिया मुक्त देश बन जाएगा, जो वैश्विक स्तर पर भी एक मिसाल होगी।
यह उपलब्धि न केवल भारत के स्वास्थ्य क्षेत्र में आत्मनिर्भरता का प्रतीक है, बल्कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा भी इसकी प्रशंसा की गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि एडफाल्सीवैक्स वैक्सीन अन्य देशों के लिए भी उपलब्ध कराई जा सकती है, जिससे वैश्विक स्तर पर मलेरिया के उन्मूलन में मदद मिलेगी।