ब्रेकिंग न्यूज़

BIHAR: दो बाइक की सीधी टक्कर में एक की दर्दनाक मौत, दो की हालत नाजुक Bihar Land News: बिहार के इस जिले में 84 हजार से अधिक जमीनों की रजिस्ट्री पर क्यों लग गई रोक? जानिए.. इसके पीछे की वजह Bihar Land News: बिहार के इस जिले में 84 हजार से अधिक जमीनों की रजिस्ट्री पर क्यों लग गई रोक? जानिए.. इसके पीछे की वजह Bihar News: मदरसा शिक्षा बोर्ड का हुआ गठन, JDU नेता को बनाया गया अध्यक्ष तो MLC बने सदस्य, पूरी लिस्ट देखें... Chenab Bridge Story: चिनाब ब्रिज की नींव में बसी है इस प्रोफेसर की 17 साल की मेहनत Andre Russell-Virat Kohli: रसल को रास न आया टेस्ट क्रिकेट पर कोहली का बयान, कहा "सम्मान करता हूँ मगर..." Bihar Politics: VIP नेता संजीव मिश्रा पहुंचे महादलित बस्ती, जनसंवाद के ज़रिए रखी विकास की आधारशिला Bihar Politics: VIP नेता संजीव मिश्रा पहुंचे महादलित बस्ती, जनसंवाद के ज़रिए रखी विकास की आधारशिला जमुई पुलिस और एसटीएफ की बड़ी कार्रवाई,15 साल से फरार महिला नक्सली सीता सोरेन गिरफ्तार Bihar News: विधानसभा चुनाव से पहले बिहार में खाद आयोग का गठन, सीएम नीतीश ने इन्हें सौंपी बड़ी जिम्मेवारी

Supreme Court: मंदिरों में VIP एंट्री पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट ने किया इनकार, जानिए.. SC ने क्या कहा?

Supreme Court: देशभर के मंदिरों में वीआईपी एंट्री के कल्चर पर रोक लगाने से संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है.

1st Bihar Published by: FIRST BIHAR Updated Fri, 31 Jan 2025 02:31:17 PM IST

Supreme Court

सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला - फ़ोटो google

Supreme Court: देशभर के मंदिरों में वीआईपी एंट्री को लेकर सवाल उठते रहे हैं। इसपर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई थी। सुप्रीम कोर्ट में आज इस याचिका पर अहम सुनवाई हुई। कोर्ट ने मंदिनों में वीआईपी एंट्री पर रोक लगाने से सीधे तौर पर इनकार कर दिया है। सीजेआई संजीव खन्ना की पीठ ने याचिका पर सुनवाई की।


शीर्ष अदालत ने स्पष्ट तौर पर कहा कि भले ही वह याचिका में उठाए गए सवाल से सहमत हो लेकर इसको लेकर अदालत द्वारा कोई आदेश या दिशा निर्देश देना ठीक नहीं होगा। कोर्ट ने यह जरूर कहा कि संस्थाएं जरुरत के हिसाब से जरूरी फैसले ले सकती हैं लेकिन ऐसे मामले में कोर्ट का हस्तक्षेप सही नही है। कोर्ट ने इस याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया।


दरअसल, वकील आकाश वशिष्ठ ने सुप्रीम कोर्ट ने कोर्ट में याचिका दाखिल कर वीआईपी दर्शन की पूरी व्यवस्था को मनमानी करार दिया था और इसपर रोक लगाने की मांग की थी। कोर्ट ने इस दौरान वृंदावन के श्री राधा मोहन मंदिर के विजय किशोर गोस्वामी की तरफ से इस मुद्दे पर दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें मंदिरों में वीआईपी कल्चर को संविधान में निहित समानता के अधिकार का उल्लंघन बताया गया था।


याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की पीठ ने स्पष्ट तौर पर कहा कि इस मुद्दे पर फैसला समाज और मंदिर प्रबंधन को करना होगा। कोर्ट इस मामले में कोई निर्देश नहीं दे सकता है। कोर्ट ने कहा कि हमारी राय हो सकती है कि कोई विशेष व्यवहार नहीं दिया जाना चाहिए लेकिन यह निर्देश अदालत जारी नहीं कर सकता है।