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Telangana Tunnel Collapse: सुरंग में फंसे 8 श्रमिकों को बचाने के लिए कीचड़-पानी से जंग लड़ रही NDRF-SDRF, कब बाहर निकलेंगे 8 लोग?

Telangana Tunnel Collapse: तेलंगाना के नागरकुरनूल जिले में SLBC निर्माणाधीन सुरंग के ढह जाने के कारण पिछले 48 घंटों से अधिक समय से 8 मजदूर फंसे हुए हैं। उन्हें सुरक्षित बाहर निकालने के लिए लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है।

1st Bihar Published by: KHUSHBOO GUPTA Updated Mon, 24 Feb 2025 10:01:56 AM IST

Telangana Tunnel Collapse

सुरंग में फंसे 8 श्रमिकों को बचाने के लिए कीचड़-पानी से जंग लड़ रही NDRF-SDRF - फ़ोटो google

Telangana Tunnel Collapse: तेलंगाना के नागरकुरनूल जिले में SLBC निर्माणाधीन सुरंग के ढह जाने के कारण पिछले 48 घंटों से अधिक समय से आठ मजदूर फंसे हुए हैं। उन्हें सुरक्षित बाहर निकालने के लिए लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है। NDRF-SDRF समेत अन्य बचाव कर्मी कामगारों को बाहर निकालने की कोशिश कर रहे हैं। इसके बावजूद बचाव दल को अब तक को कोई सफलता नहीं मिल सकी है।


राज्य के मंत्री जे. कृष्ण राव ने बताया कि सुरंग के अंदर मलबा इतना ज्यादा जमा है कि उसमें से होकर जाना नामुमकिन सा मालूम पड़ रहा है। बचाव कर्मी उसमें से गुजरने के लिए रबर ट्यूब और लकड़ी के तख्तों का इस्तेमाल कर रहे हैं। वहीं फंसे हुए लोगों के बचने की संभावना पर पूछे जाने को लेकर उन्होंने कहा कि 'हम कुछ कह नहीं सकते। हमें उम्मीद है। हालांकि जो घटना हुई वह बहुत गंभीर थी। बचने की संभावना के बारे में हम भविष्यवाणी नहीं कर सकते। इन परिस्थितियों में बचने की संभावनाएं बहुत अच्छी नहीं है। घटना के बाद कुछ जीवित बचे लोग तैरकर सुरंग पार कर गए।'


रेड्डी ने जानकारी देते हुए बताया कि सुरंग के ध्वस्त हुए हिस्से के आखिरी 200 मीटर के हिस्से में पानी और कीचड़ भर गया है। इसकी वजह से रेस्क्यू टीमों को श्रमिकों तक पहुंचने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। भौगोलिक स्थिति के कारण सुरंग में भारी मशीनरी ले जाना बेहद मुश्किल हो गया है। हालांकि इन सबके बीच अधिकारी मलबा हटाने के लिए वैकल्पिक तरीकों पर काम करने में जुटे हुए हैं।


दरअसल तेलंगाना के नागरकुरनूल जिले में श्रीसैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (SLBC) में शनिवार की सुबह निर्माण कार्य शुरू होने के बाद लगभग 50 लोग 200 मीटर लंबी सुरंग बोरिंग मशीन लेकर सुरंग के अंदर गए थे। काम के सिलसिले में वह सुरंग के तकरीबन 13.5 किलोमीटर तक गए कि तभी अचानक छत ढह गई। इसी दौरान मशीन के आगे चल रहे दो इंजीनियर्स समेत आठ कामगार फंस गए। जबकि 42 और कामगारों को सुरंग के बाहरी गेट की ओर भागना पड़ा। ऐसे में 42 कामगार तो बाहर निकल आए लेकिन बाकी 8 लोग फंस गए।