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NAGPUR HINSA: नागपुर में हाल ही में हुई हिंसा ने पूरे राज्य को हिलाकर रख दिया है। इस घटना ने न केवल स्थानीय जनता, बल्कि प्रशासन और कानून-व्यवस्था को भी चुनौती दी। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा में इस हिंसा पर विस्तृत बयान दिया, जिसमें उन्होंने बताया कि यह हिंसा पूर्व नियोजित लगती है और किसी ने भी कानून अपने हाथ में लेने का प्रयास किया।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा में कहा कि इस हिंसा में 12 दोपहिया वाहन क्षतिग्रस्त हुए और 33 पुलिसकर्मी घायल हुए, जिनमें 3 डीसीपी स्तर के अधिकारी भी शामिल हैं। एक डीसीपी पर तो कुल्हाड़ी से हमला किया गया था। घटना की गंभीरता को देखते हुए इलाके में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए SRPF की 5 टुकड़ियां तैनात की गई हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह हिंसा एक सुनियोजित घटना लगती है और किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने की अनुमति नहीं है। उन्होंने बताया कि विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के विरोध प्रदर्शन के बाद एक अफवाह फैल गई, जिसके कारण यह हिंसा भड़की। इस अफवाह में दावा किया गया था कि एक प्रतीकात्मक कब्र पर रखी गई चादर पर धार्मिक चिन्ह था। इससे माहौल गरमाया और हिंसा हुई।
राज्य सरकार ने स्थिति पर काबू पाने के लिए कड़े कदम उठाए। सुरक्षा बढ़ाने के लिए एसआरपीएफ की 5 टुकड़ियां तैनात की गईं और 11 पुलिस स्टेशन क्षेत्रों में कर्फ्यू लागू किया गया। इसके अलावा, पुलिस ने इस हिंसा के सिलसिले में 5 FIR दर्ज किए और 50 लोगों को गिरफ्तार किया, जिनमें से कई को सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पहचाना गया।
उन्होंने कहा कि इस हिंसा में 12 दोपहिया वाहन और कुछ अन्य वाहन जलाए गए, जबकि तलवारों से भी कुछ लोगों पर हमले किए गए। मुख्यमंत्री ने यह भी जानकारी दी कि इस मामले में 5 FIR दर्ज किए गए हैं और 50 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें से इन्हें सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पहचाना गया। मुख्यमंत्री फडणवीस ने राज्य की जनता से शांति बनाए रखने की अपील की और भरोसा दिलाया कि राज्य सरकार दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी।
उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस पर हमले बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे और इस मामले में पूरी कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा, उन्होंने हाल ही में रिलीज हुई फिल्म 'छावा' को लेकर भी टिप्पणी की, जिसमें औरंगजेब के खिलाफ गुस्सा उत्पन्न हुआ था, फिर भी उन्होंने राज्य में शांति बनाए रखने की अपील की।