Dharmendra death : धर्मेंद्र के जाने के बाद हेमा मालिनी ने शेयर की घर की तस्वीरें, जानिए क्या दिखा ख़ास; प्रार्थना सभा में दी भावपूर्ण श्रद्धांजलि BIHAR CRIME: सिवान में दिनदहाड़े ज्वेलरी शॉप से एक करोड़ की लूट, आधा दर्जन नकाबपोश अपराधियों ने घटना को दिया अंजाम जानिए कैसा है राबड़ी देवी को आवंटित हुआ नया बंगला, लेकिन शिफ्टिंग से इंकार क्यों? राजनीतिक हलचल के बीच बड़ा सवाल Bihar Transport: MORTH के आदेश पर बंद किए गए 3 वाहन ATS के फर्जीवाड़े की जांच शुरू, टीम 28 को पटना वाले केंद्र पर हुई हेराफेरी जांचेगी.. CCTV से खुलेगा राज Dharmendra Death : धर्मेंद्र नहीं रहे: मौत के 3 दिन बाद हेमा मालिनी का भावुक पोस्ट, बोलीं—‘वो मेरे लिए सब कुछ थे’ Bihar Election 2025 : एक पूरी कैटेगरी के विधायक हुए गायब; कभी जीतते थे 33 MLA; इस बार संख्या पहुंची शून्य Tejashwi Yadav Delhi : तेजस्वी यादव ने चुनाव हार के 13 दिन बाद पटना से दिल्ली के लिए भरी उड़ान, मीडिया के सवालों पर साधी चुप्पी Garib Rath Express : रेलवे ट्रैक पर गिरा तेज रफ्तार लोडेड ट्रक, बाल-बाल बची गरीबरथ एक्सप्रेस NITISH KUMAR : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने निगरानी और मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग की समीक्षा बैठक में दिए अहम निर्देश, अधिकारियों को मिला यह टास्क Police Transfer : बिहार पुलिस में बड़ा उलटफेर, SP ने कई थानाध्यक्षों का किया तबादला; देखिए पूरी लिस्ट
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 29 Jan 2025 01:52:24 PM IST
Mahakumbh stampede history - फ़ोटो SOCIAL MEDIA
प्रयागराज में हर 12 वर्ष के बाद महाकुंभ का आयोजन होता है। इस मौके पर देश और दुनिया से सनातनी जुटते हैं और संगम तट समेत कई स्थानों पर प्रयागराज में गंगा स्नान करते हैं। मौनी अमावस्या समेत ऐसी कई तिथियां होती हैं, जब स्नान का महत्व माना जाता है। लेकिन बीती रात एक हादसे ने सभी लोगों की चिंता बढ़ा दी है।
महाकुंभ में भगदड़ का इतिहास नया नहीं है। स्वतंत्रता के बाद पहली बार 1954 में महाकुंभ का आयोजन हुआ था। यह आजाद भारत का पहला सबसे बड़ा कार्यक्रम था, लेकिन 3 फरवरी 1954 को मौनी अमावस्या के मौके पर भगदड़ मच गई थी। इस घटना में करीब 800 लोगों की मौत का दावा किया जाता है। महाकुंभ के इतिहास की यह सबसे बड़ी दुर्घटना थी।
इसके बाद 1986 में हरिद्वार में आयोजित कुंभ मेले में भगदड़ मच गई थी, जिसमें कम से कम 200 लोग मारे गए थे। यह घटना तब हुई थी, जब तत्कालीन यूपी सीएम वीर बहादुर सिंह देश के कई मुख्यमंत्रियों और सांसदों के साथ पहुंचे थे। आम लोगों को प्रशासन तट पर जाने से रोक रहा था। इसी दौरान भीड़ अनियंत्रित हो गई और भगदड़ में लोग मारे गए। साल 1992 में उज्जैन में सिंहस्थ कुंभ मेला लगा था। उस दौरान भी भगदड़ की स्थिति देखने को मिली थी। इस दर्दनाक हादसे में 50 से ज्यादा लोगों की दर्दनाक मौत हुई थी।
इसके बाद नासिक में 2003 में आयोजित कुंभ मेले में दर्जनों मारे गए थे। यह भगदड़ तब हुई, जब लाखों की संख्या में लोग गोदावरी के तट पर स्नान के लिए पहुंचे। सैकड़ों लोग बुरी तरह से घायल भी हुए थे। जबकि प्रयागराज के महाकुंभ में 2013 में भी भगदड़ मची थी। यह हादसा हालांकि गंगा तट पर नहीं हुआ था बल्कि इलाहाबाद रेलवे स्टेशन पर हुआ था। 10 फरवरी, 2013 को हुए इस हादसे की वजह फुट ओवरब्रिज का गिरना था। इसके चलते लोगों में भगदड़ मच गई और 42 लोगों की मौत हो गई थी। इस मामले में 45 लोग घायल भी हुए थे।
वहीं, अब 2025 में भी ऐसी ही घटना हुई है। शुरुआत से ही काफी व्यवस्थित चले आ रहे मेले में बुधवार को तड़के भगदड़ मच गई, जिसमें कई लोगों के मारे जाने की खबर है। इसके अलावा सैकड़ों लोग भगदड़ में घायल हुए हैं। आपको बता दें कि मौनी अमावस्या, पौष पूर्णिमा, मकर संक्रांति, बसंत पंचमी, माघी पूर्णिमा और महाशिवरात्रि के मौके पर बड़ी संख्या में लोग जुटते हैं। ऐसे में इन तारीखों पर प्रशासन के लिए व्यवस्था बनाए रखने की चुनौती होती है।